राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता मदन दास देवी का निधन हो गया है। 81 साल की उम्र में उन्होंने बेंगलुरु के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली, वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मदन दास देवी के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया है और उनके साथ गुजारे पलों को याद किया है।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, 'मदन दास देवी जी के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्रसेवा में समर्पित कर दिया। उनसे मेरा न सिर्फ घनिष्ठ जुड़ाव रहा, बल्कि हमेशा बहुत कुछ सीखने को मिला। शोक की इस घड़ी में ईश्वर सभी कार्यकर्ताओं और उनके परिवारजनों को संबल प्रदान करे। ओम शांति!'
करीब 6 दशकों तक आरएसएस के प्रचारक रहे मदन दास देवी मौजूदा सरसंघचालक मदन दास देवी से भी वरिष्ठ कार्यकर्ता थे। वह लंबे समय तक भाजपा और संघ के बीच समन्वय का भी काम देखते थे। उनके बीमार पड़ने के बाद सुरेश सोनी और फिर कृष्णगोपाल को यह जिम्मेदारी मिली थी। फिलहाल आरएसएस के सह-सरकार्यवाह अरुण कुमार भाजपा से समन्वय की जिम्मेदारी संभालते हैं। मदन दास देवी आरएसएस के सह-सर कार्यवाह के दायित्य पर भी रहे थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से आने वाले मदन दास देवी की छात्र संगठन पर अच्छी पकड़ थी और उन्होंने हजारों कार्यकर्ता तैयार किए थे।
श्री मदन दास देवी जी के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्रसेवा में समर्पित कर दिया। उनसे मेरा न सिर्फ घनिष्ठ जुड़ाव रहा, बल्कि हमेशा बहुत कुछ सीखने को मिला। शोक की इस घड़ी में ईश्वर सभी कार्यकर्ताओं और उनके परिवारजनों को संबल प्रदान करे। ओम शांति!
— Narendra Modi (@narendramodi) July 24, 2023
मदन दास देवी को कार्यकर्ताओं की पूरी एक पीढ़ी खड़ी करने के लिए जाना जाता है। लंबे कार्यानुभव के चलते यूपी, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में उनकी कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पैठ थी। वह पीएम नरेंद्र मोदी के भी काफी करीब माने जाते थे। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में मदन दास देवी आरएसएस और भाजपा के बीच समन्वयक के तौर पर काम करते थे। बीमारी के चलते मदन दास देवी लंबे समय से आरएसएस से जुड़े कामों से दूर थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता मदन दास देवी का निधन हो गया है। 81 साल की उम्र में उन्होंने बेंगलुरु के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली, वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मदन दास देवी के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया है और उनके साथ गुजारे पलों को याद किया है।
करीब 6 दशकों तक आरएसएस के प्रचारक रहे मदन दास देवी मौजूदा सरसंघचालक मदन दास देवी से भी वरिष्ठ कार्यकर्ता थे। वह लंबे समय तक भाजपा और संघ के बीच समन्वय का भी काम देखते थे। उनके बीमार पड़ने के बाद सुरेश सोनी और फिर कृष्णगोपाल को यह जिम्मेदारी मिली थी। फिलहाल आरएसएस के सह-सरकार्यवाह अरुण कुमार भाजपा से समन्वय की जिम्मेदारी संभालते हैं। मदन दास देवी आरएसएस के सह-सर कार्यवाह के दायित्य पर भी रहे थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से आने वाले मदन दास देवी की छात्र संगठन पर अच्छी पकड़ थी और उन्होंने हजारों कार्यकर्ता तैयार किए थे।
श्री मदन दास देवी जी के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्रसेवा में समर्पित कर दिया। उनसे मेरा न सिर्फ घनिष्ठ जुड़ाव रहा, बल्कि हमेशा बहुत कुछ सीखने को मिला। शोक की इस घड़ी में ईश्वर सभी कार्यकर्ताओं और उनके परिवारजनों को संबल प्रदान करे। ओम शांति!
— Narendra Modi (@narendramodi) July 24, 2023
मदन दास देवी को कार्यकर्ताओं की पूरी एक पीढ़ी खड़ी करने के लिए जाना जाता है। लंबे कार्यानुभव के चलते यूपी, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में उनकी कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पैठ थी। वह पीएम नरेंद्र मोदी के भी काफी करीब माने जाते थे। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में मदन दास देवी आरएसएस और भाजपा के बीच समन्वयक के तौर पर काम करते थे। बीमारी के चलते मदन दास देवी लंबे समय से आरएसएस से जुड़े कामों से दूर थे।
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