Pakistan-Afghanistan Relation: तालिबानी सरकार ने शुक्रवार (21 जुलाई) को पाकिस्तान और प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के बीच शांति वार्ता के लिए नए सिरे से वकालत की है.
ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि अफगानिस्तान के ओर से आतंकवादी संगठन के खिलाफ कार्रवाई की मांग पाकिस्तान की कोशिशों के बाद भी आगे नहीं बढ़ा पाई.
पाकिस्तान ने इस सप्ताह अपने विशेष राजनयिकों को तीन दिवसीय यात्रा पर काबुल भेजा ताकि यह स्पष्ट संदेश दिया जा सके कि अंतरिम सरकार को TTP के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी होगी. लेकिन अफ़ग़ान तालिबान ने कई बैठकों के बाद उनसे कहा कि पाकिस्तान को बल प्रयोग के बजाय शांति का रास्ता अपनाना चाहिए.
पाकिस्तानी राजदूत असद दुर्रानी ने की बातचीत
पाकिस्तानी राजदूत असद दुर्रानी ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक उप प्रधानमंत्री मावलवी अब्दुल कबीर, कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी अमीर खान मुत्ताकी और अन्य अधिकारियों से मुलाकात की. आधिकारिक सूत्रों ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने तालिबान नेतृत्व को साफतौर पर बताया गया कि TTP के खिलाफ पाकिस्तान का धैर्य कमजोर हो रहा है.
पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा कि आतंकवाद का मुद्दा पाकिस्तान के लिए गंभीर चिंता है.पाकिस्तानी विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने अपनी साप्ताहिक समाचार ब्रीफिंग में बताया कि हमने कई कई मौकों पर और पाकिस्तान और अफगान अंतरिम अधिकारियों के बीच होने वाली हर महत्वपूर्ण बातचीत में आतंकवाद का मुद्दा उठाया है.
शांति के मार्ग को अपनाने का सुझाव
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच से पूछा गया कि क्या राजदूत दुर्रानी ने अफगान अधिकारियों के साथ सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया है तो, उन्होंने कहा, "हमने अफगान धरती से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खतरे पर चर्चा की है." लेकिन टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई पर पाकिस्तान की जिद के बावजूद अफगान तालिबान सरकार उस रास्ते पर चलने को तैयार नहीं है. हालांकि, सूत्रों के अनुसार अफगानी उप प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को बल प्रयोग के बजाय शांति का मार्ग अपनाने का सुझाव दिया.
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