नई दिल्ली. राष्ट्रपति के तौर पर मंगलवार को द्रौपदी मुर्मू ने अपने एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का का ये कार्यकाल हर लिहाज से अभूतपूर्व रहा है. महिलाओं को प्रेरणा देने वाले लेख से लेकर सुखोई लड़ाकू विमान में उनकी उड़ान तक… पिछले एक साल में राष्ट्रपति ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं.
तमाम विषम परिस्थितियों का सफलतापूर्वक सामना कर ओडीशा के एक छोटे से गांव से रायसीना हिल तक की उनकी यह यात्रा उल्लेखनीय है. 25 जुलाई 2022 को द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी मूल की महिला हैं, जो देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हुईं हैं.
राष्ट्रपति के पद पर संवैधानिक दायित्वों के अलावा महिला और आदिवासी समाज के उत्थान को लेकर राष्ट्रपति ने सराहनीय कदम उठाए हैं. अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ‘Her Story My Story’ के जरिये राष्ट्रपति ने महिलाओं के प्रति उनके सम्मान को बयान किया है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के एक वर्ष के कार्यकाल की मुख्य बातों पर एक नजर:
* संविधान रक्षक: केंद्र सरकार के 20 और राज्य सरकार के 23 विधेयकों को मंजूरी दी.
* सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के 214 मुख्य न्यायाधीशों एवं न्यायाधीशों और 14 राज्यपालों की नियुक्ति की गई.
* सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर: असम के तेजपुर वायु सेना स्टेशन पर सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान में एक ऐतिहासिक उड़ान भरी.
* प्रकृति से जुड़ें: असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में गज उत्सव 2023 का उद्घाटन किया.
* ओडिशा के मयूरभंज में सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व का दौरा किया.
* महिलाओं को सशक्त बनाना: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर, राष्ट्रपति द्वारा एक प्रेरक लेख ‘हर स्टोरी, माई स्टोरी’ को विभिन्न भाषाओं के * प्रमुख समाचार पत्रों द्वारा प्रकाशित किया गया.
* झारखंड के खूंटी में आदिवासी महिलाओं की एक बड़ी सभा को संबोधित किया.
* अगरतला में दुर्गाबाड़ी चाय बागान की महिला चाय श्रमिकों के साथ बातचीत.
* नागालैंड के पारंपरिक गांव किगवेमा का दौरा किया और ग्राम परिषद के सदस्यों के साथ बातचीत की.
* जनजातीय समूहों तक पहुंच: सभी 75 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सदस्यों ने राष्ट्रपति भवन में एक मेगा कार्यक्रम में भाग लिया.
* राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा और उत्तर प्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान पीवीटीजी के सदस्यों के साथ बातचीत की.
* राष्ट्रपति ने अपनी यात्राओं के दौरान पीवीटीजी के लगभग 1,750 सदस्यों से मुलाकात की है.
* राष्ट्र को संबोधित: स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया.
* संसद के दोनों सदनों में विशेष अभिभाषण.
* संविधान दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में बेंच और बार को संबोधित किया.
* देश भर में विभिन्न विषयों पर लगभग 135 प्रमुख भाषण दिए.
* पिछले एक वर्ष में राष्ट्रपति ने 16000 से अधिक लोगों से सीधे मुलाक़ात की, जो कि एक रिकॉर्ड है. जनता के लिए द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आने को आसान बना दिया है.
* द्रौपदी मुर्मू के प्रयासों का परिणाम रहा कि पिछले एक साल में 90,000 लोगों ने राष्ट्रपति भवन का दौरा किया.
* 1 लाख 70 हज़ार लोगों ने राष्ट्रपति भवन संग्रहालय का दौरा किया, जबकि 10 लाख से अधिक लोगों ने अमृत उद्यान का दौरा किया है.
* बाल दिवस पर विभिन्न स्कूलों के बच्चों से बातचीत की.
* लोगों से जुड़ाव: राष्ट्रपति प्रमुख राष्ट्रीय उपलब्धियों सहित विभिन्न स्थितियों में तुरंत लोगों तक पहुंचीं; राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर असाधारण व्यक्तिगत उपलब्धियां हासिल कीं; राष्ट्रीय त्यौहार, आपदाएं और प्राकृतिक त्रासदियों में भी वे लोगों के साथ दिखीं.
* विभिन्न अवसरों पर विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों और संगठनों को 2,000 से अधिक संदेश जारी किए.
* राष्ट्रपति का युवाओं से भी जबरदस्त लगाव रहा है. पिछले एक साल में द्रौपदी मुर्मू ने आईआईटी दिल्ली, इग्नू, जेएनयू, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, आईआईआईटी धारवाड़, एनआईटी कुरुक्षेत्र, मिजोरम विश्वविद्यालय, विश्व भारती विश्वविद्यालय, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज सहित पूरे भारत के 18 शैक्षणिक संस्थाओं के दीक्षांत समारोहों को संबोधित किया.
* शताब्दी समारोह के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की शोभा बढ़ाई.
* राजस्थान के पाली में भारत स्काउट्स और गाइड्स की 18वीं राष्ट्रीय जंबूरी का उद्घाटन किया गया.
* सूरीनाम का सर्वोच्च गौरव ‘येलो स्टार की श्रृंखला का ग्रैंड ऑर्डर’ प्राप्त हुआ.
* किसी भारतीय राष्ट्रपति द्वारा सर्बिया की पहली राजकीय यात्रा की गई.
* गणतंत्र दिवस 2023 समारोह के लिए मुख्य अतिथि के रूप में मिस्र के राष्ट्रपति और भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर कंबोडिया के राजा की मेजबानी की.
द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय
द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में 20 जून 1958 को एक आदिवासी परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था, जो अपनी परंपराओं के मुताबिक, गांव और समाज के मुखिया थे.
द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक करियर
द्रौपदी मुर्मू ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ओडिशा से भाजपा के साथ ही की. भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में हिस्सा लिया और जीत हासिल की. फिर भाजपा ने मुर्मू को पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा का उपाध्यक्ष बना दिया. इसके बाद ओडिशा में भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन की सरकार में साल 2000 से 2002 तक वह वाणिज्य और परिवहन स्वतंत्र प्रभार मंत्री रहीं.
उन्होंने साल 2002 से 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री के तौर पर भी काम किया. मुर्मू ने ओडिशा के रायगंज विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव भी जीता. बाद में साल 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल नियुक्त हुईं. वह राज्य की पहली महिला गवर्नर बनीं.
नई दिल्ली. राष्ट्रपति के तौर पर मंगलवार को द्रौपदी मुर्मू ने अपने एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का का ये कार्यकाल हर लिहाज से अभूतपूर्व रहा है. महिलाओं को प्रेरणा देने वाले लेख से लेकर सुखोई लड़ाकू विमान में उनकी उड़ान तक… पिछले एक साल में राष्ट्रपति ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं.
राष्ट्रपति के पद पर संवैधानिक दायित्वों के अलावा महिला और आदिवासी समाज के उत्थान को लेकर राष्ट्रपति ने सराहनीय कदम उठाए हैं. अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ‘Her Story My Story’ के जरिये राष्ट्रपति ने महिलाओं के प्रति उनके सम्मान को बयान किया है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के एक वर्ष के कार्यकाल की मुख्य बातों पर एक नजर:
* संविधान रक्षक: केंद्र सरकार के 20 और राज्य सरकार के 23 विधेयकों को मंजूरी दी.
* सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के 214 मुख्य न्यायाधीशों एवं न्यायाधीशों और 14 राज्यपालों की नियुक्ति की गई.
* सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर: असम के तेजपुर वायु सेना स्टेशन पर सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान में एक ऐतिहासिक उड़ान भरी.
* प्रकृति से जुड़ें: असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में गज उत्सव 2023 का उद्घाटन किया.
* ओडिशा के मयूरभंज में सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व का दौरा किया.
* महिलाओं को सशक्त बनाना: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर, राष्ट्रपति द्वारा एक प्रेरक लेख ‘हर स्टोरी, माई स्टोरी’ को विभिन्न भाषाओं के * प्रमुख समाचार पत्रों द्वारा प्रकाशित किया गया.
* झारखंड के खूंटी में आदिवासी महिलाओं की एक बड़ी सभा को संबोधित किया.
* अगरतला में दुर्गाबाड़ी चाय बागान की महिला चाय श्रमिकों के साथ बातचीत.
* नागालैंड के पारंपरिक गांव किगवेमा का दौरा किया और ग्राम परिषद के सदस्यों के साथ बातचीत की.
* जनजातीय समूहों तक पहुंच: सभी 75 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सदस्यों ने राष्ट्रपति भवन में एक मेगा कार्यक्रम में भाग लिया.
* राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा और उत्तर प्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान पीवीटीजी के सदस्यों के साथ बातचीत की.
* राष्ट्रपति ने अपनी यात्राओं के दौरान पीवीटीजी के लगभग 1,750 सदस्यों से मुलाकात की है.
* राष्ट्र को संबोधित: स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया.
* संसद के दोनों सदनों में विशेष अभिभाषण.
* संविधान दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में बेंच और बार को संबोधित किया.
* देश भर में विभिन्न विषयों पर लगभग 135 प्रमुख भाषण दिए.
* पिछले एक वर्ष में राष्ट्रपति ने 16000 से अधिक लोगों से सीधे मुलाक़ात की, जो कि एक रिकॉर्ड है. जनता के लिए द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आने को आसान बना दिया है.
* द्रौपदी मुर्मू के प्रयासों का परिणाम रहा कि पिछले एक साल में 90,000 लोगों ने राष्ट्रपति भवन का दौरा किया.
* 1 लाख 70 हज़ार लोगों ने राष्ट्रपति भवन संग्रहालय का दौरा किया, जबकि 10 लाख से अधिक लोगों ने अमृत उद्यान का दौरा किया है.
* बाल दिवस पर विभिन्न स्कूलों के बच्चों से बातचीत की.
* लोगों से जुड़ाव: राष्ट्रपति प्रमुख राष्ट्रीय उपलब्धियों सहित विभिन्न स्थितियों में तुरंत लोगों तक पहुंचीं; राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर असाधारण व्यक्तिगत उपलब्धियां हासिल कीं; राष्ट्रीय त्यौहार, आपदाएं और प्राकृतिक त्रासदियों में भी वे लोगों के साथ दिखीं.
* विभिन्न अवसरों पर विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों और संगठनों को 2,000 से अधिक संदेश जारी किए.
* राष्ट्रपति का युवाओं से भी जबरदस्त लगाव रहा है. पिछले एक साल में द्रौपदी मुर्मू ने आईआईटी दिल्ली, इग्नू, जेएनयू, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, आईआईआईटी धारवाड़, एनआईटी कुरुक्षेत्र, मिजोरम विश्वविद्यालय, विश्व भारती विश्वविद्यालय, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज सहित पूरे भारत के 18 शैक्षणिक संस्थाओं के दीक्षांत समारोहों को संबोधित किया.
* शताब्दी समारोह के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की शोभा बढ़ाई.
* राजस्थान के पाली में भारत स्काउट्स और गाइड्स की 18वीं राष्ट्रीय जंबूरी का उद्घाटन किया गया.
* सूरीनाम का सर्वोच्च गौरव ‘येलो स्टार की श्रृंखला का ग्रैंड ऑर्डर’ प्राप्त हुआ.
* किसी भारतीय राष्ट्रपति द्वारा सर्बिया की पहली राजकीय यात्रा की गई.
* गणतंत्र दिवस 2023 समारोह के लिए मुख्य अतिथि के रूप में मिस्र के राष्ट्रपति और भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर कंबोडिया के राजा की मेजबानी की.
द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय
द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में 20 जून 1958 को एक आदिवासी परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था, जो अपनी परंपराओं के मुताबिक, गांव और समाज के मुखिया थे.
द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक करियर
द्रौपदी मुर्मू ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ओडिशा से भाजपा के साथ ही की. भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में हिस्सा लिया और जीत हासिल की. फिर भाजपा ने मुर्मू को पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा का उपाध्यक्ष बना दिया. इसके बाद ओडिशा में भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन की सरकार में साल 2000 से 2002 तक वह वाणिज्य और परिवहन स्वतंत्र प्रभार मंत्री रहीं.
उन्होंने साल 2002 से 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री के तौर पर भी काम किया. मुर्मू ने ओडिशा के रायगंज विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव भी जीता. बाद में साल 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल नियुक्त हुईं. वह राज्य की पहली महिला गवर्नर बनीं.
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