बैन होने के बावजूद कई प्लेटफॉर्म्स भी अभी भी एडल्ट कंटेंट देखने को मिल जाते हैं। बता दें कि इंटरनेट की दुनिया में हर तरह का कंटेंट उपलब्ध है। ऐसे में कई लोग चोरी छिपे इंटरनेट पर इस तरह के अश्लील वीडियो देखते हैं।
ज्यादातर लोग इस तरह का कंटेंट ब्राउजर के प्राइवेट मोड़ में देखते हैं। वे सोचते हैं कि उन्हें ऐसा करते हुए कोई नहीं देख रहा लेकिन सच्चाई जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। दरअसल, जब आप एडल्ट कंटेंट देख रहे होते हैं तो उस वक्त आप पर हजारों एआई बॉट की नजर रहती है।
ऐप्स रखते हैं नजर
जब भी आप अपने मोबाइल पर एडल्ट कंटेंट देखते हैं तो इसकी जानकारी सबसे पहले आपके मोबाइल सर्विस ऑपरेटर को मिलती है। इसके साथ ही आपके फोन में मौजूद ऐप्स भी आप पर नजर रख रहे होते हैं। फोन में पड़े ऐप्स इस तरह का कंटेंट देखने के दौरान आप पर किसी खुफिया एजेंसी की तरह नजर रखते हैं। यानी उस वक्त आपकी पूरी ब्राउजिंग हिस्ट्री को ट्रैक किया जा रहा होता है।
खंगाली जाती है सोशल मीडिया प्रोफाइल
रिपोर्ट के अनुसार, आपकी ब्राउजिंग पैटर्न के हिसाब से आपकी ट्रैकिंग होती है। साथ ही आपकी सोशल मीडिया प्रोफाइल को भी खंगाला जाता है। आपने कई बार नोटिस किया होगा कि इंटरनेट पर आप जिस तरह का कंटेंट देख रहे होते हैं आपको उसी तरह के विज्ञापन दिखाई देने लगते हैं। ऐसे में आपके ब्राउजिंग पैटर्न से यह तय किया जाता है कि आपको कौन-सा विज्ञापन दिखाया जाए। यदि कोई एडल्ट कंटेंट का आदी है तो उसको इससे जुड़े विज्ञापन ही दिखाए जाते हैं। वहीं जो लोग ऐeसा कंटेंट देखने के लिए पेड सर्विस लेते है, वे सबसे पहले निशाने पर होते हैं। ऐसे लोगों से उनके बैंक अकाउंट की डिटेल उसी समय ले जाती है, जब वे पेमेंट कर रहे होते हैं। ऐसे में उनके क्रेडिट या डेबिट कार्ड का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है।
फोन में डाला जा सकता है मैलवेयर
यदि आप मोबाइल में एडल्ट कंटेंट देख रहे हैं या डाउनलोड कर रहें हैं तो ऐसे कंटेंट के जरिए आपके मोबाइल में मैलवेयर या वायरस भी डाला जा सकता है। इसी मैलवेयर के जरिए बाद में आपकी जासूसी भी की जा सकती है और आपके निजी फोटो को भी सार्वजनिक करने की धमकी देकर आपको ब्लैकमेल किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक लाखों एंड्रॉयड यूजर्स एडल्ट कंटेंट देखने की वजह से मैलवेयर से प्रभावित हुए थे।
बैन होने के बावजूद कई प्लेटफॉर्म्स भी अभी भी एडल्ट कंटेंट देखने को मिल जाते हैं। बता दें कि इंटरनेट की दुनिया में हर तरह का कंटेंट उपलब्ध है। ऐसे में कई लोग चोरी छिपे इंटरनेट पर इस तरह के अश्लील वीडियो देखते हैं।
ऐप्स रखते हैं नजर
जब भी आप अपने मोबाइल पर एडल्ट कंटेंट देखते हैं तो इसकी जानकारी सबसे पहले आपके मोबाइल सर्विस ऑपरेटर को मिलती है। इसके साथ ही आपके फोन में मौजूद ऐप्स भी आप पर नजर रख रहे होते हैं। फोन में पड़े ऐप्स इस तरह का कंटेंट देखने के दौरान आप पर किसी खुफिया एजेंसी की तरह नजर रखते हैं। यानी उस वक्त आपकी पूरी ब्राउजिंग हिस्ट्री को ट्रैक किया जा रहा होता है।
खंगाली जाती है सोशल मीडिया प्रोफाइल
रिपोर्ट के अनुसार, आपकी ब्राउजिंग पैटर्न के हिसाब से आपकी ट्रैकिंग होती है। साथ ही आपकी सोशल मीडिया प्रोफाइल को भी खंगाला जाता है। आपने कई बार नोटिस किया होगा कि इंटरनेट पर आप जिस तरह का कंटेंट देख रहे होते हैं आपको उसी तरह के विज्ञापन दिखाई देने लगते हैं। ऐसे में आपके ब्राउजिंग पैटर्न से यह तय किया जाता है कि आपको कौन-सा विज्ञापन दिखाया जाए। यदि कोई एडल्ट कंटेंट का आदी है तो उसको इससे जुड़े विज्ञापन ही दिखाए जाते हैं। वहीं जो लोग ऐeसा कंटेंट देखने के लिए पेड सर्विस लेते है, वे सबसे पहले निशाने पर होते हैं। ऐसे लोगों से उनके बैंक अकाउंट की डिटेल उसी समय ले जाती है, जब वे पेमेंट कर रहे होते हैं। ऐसे में उनके क्रेडिट या डेबिट कार्ड का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है।
फोन में डाला जा सकता है मैलवेयर
यदि आप मोबाइल में एडल्ट कंटेंट देख रहे हैं या डाउनलोड कर रहें हैं तो ऐसे कंटेंट के जरिए आपके मोबाइल में मैलवेयर या वायरस भी डाला जा सकता है। इसी मैलवेयर के जरिए बाद में आपकी जासूसी भी की जा सकती है और आपके निजी फोटो को भी सार्वजनिक करने की धमकी देकर आपको ब्लैकमेल किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक लाखों एंड्रॉयड यूजर्स एडल्ट कंटेंट देखने की वजह से मैलवेयर से प्रभावित हुए थे।
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