- मणिपुर की महिलाओं के साथ सरेआम बलात्कार की घटना के बाद, खेरगाम में आक्रोश रैली निकाली गई। | सच्चाईयाँ न्यूज़

शनिवार, 22 जुलाई 2023

मणिपुर की महिलाओं के साथ सरेआम बलात्कार की घटना के बाद, खेरगाम में आक्रोश रैली निकाली गई।

मणिपुर में जो घटना हुई वह पूरी दुनिया में देश का नाम खराब करने वाली घटना है। मणिपुर में 150 से अधिक आदिवासियों की जान चली गई है। और कुछ आदिवासी अपनी जान बचाने के लिए अपना घर छोड़कर जंगल में भाग गए हैं।  जिसके चलते पूरे भारत में लोग अपना दुख व्यक्त कर रहे हैं।  पिछले कुछ महीनों से मणिपुर में मैतेई और नागा-कुडी समुदायों के बीच भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है, जिसमें कई लोगों को अपने कीमती सामान का भारी नुकसान हुआ है। मैतेई समुदाय के हजारों लोगों की भीड़ द्वारा कुकी समुदाय की तीन महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना, जो कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है। विपक्ष से लेकर देश-विदेश की मशहूर हस्तियों ने इस घटना की निंदा की है. देशभर से आरोपियों की निंदा की जा रही है और आरोपियों को फांसी की सजा दी जानी चाहियए। इसी के तहत खेरगाम में समस्त आदिवासी समाज की ओर से गुजरात प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रदीपभाई गरासिया, नवसारी जिला अध्यक्ष डॉ. नीरव भूलाभाई पटेल और उनकी टीम की ओर से श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीण विधायक अनंत पटेल, कल्पेश पटेल, के. मलेश पटेल, पंकज पटेल डॉ. दिव्यांगी पटेल, खेरगाम के सरपंच झरनाबेन धर्मेशभाई, भगवतीबेन दिनेशभाई, जयश्री पटेल, रूडीग्राम सभा के अध्यक्ष रमेश पटेल, डॉ. क्रुणाल डॉ. पंकज, डॉ. राकेश पटेल, डॉ. रवींद्र जिग्नेश पटेल, तिलक पटेल, धनसुखभाई धर्मेशभाई, हितेश पटेल, शशीन पटेल, पूरव तलाविया हिमांशु पटेल, मोहनकाका, मुकेशभाई आर्मी, किरण पटेल, अरुण पटेल दलपत पटेल अरविंदभाई पटेल, कीर्ति पटेल, जयेशभाई डी ओ, पूर्व सरपंच अश्विन पटेल, विमल पटेल, बड़ी संख्या में युवा, बुजुर्ग और महिलाएं मौजूद थीं। मीडिया से बातचीत में डॉ. नीरव भूलाभाई पटेल ने कहा कि मणिपुर में भड़की हिंसा में महिलाओं को बदले की भावना के तौर पर इस्तेमाल करना किसी भी वक्त स्वीकार्य नहीं है। भले ही वह किसी भी जाति, धर्म और समुदाय का हो, जघन्य अपराध पर मुकदमा नहीं चलेगा। घटना के 77 दिन बाद सोशल मीडिया में वायरल होने के कारण मणिपुर पुलिस पर दबाव के कारण आज तक एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा सका है।  पीड़ितो के आरोप के मुताबिक पुलिस ने भीड़ के हवाले कर दिया था। सवाल यह है कि 18/5 की एफआईआर 22/6 को स्थानीय थाने में ट्रांसफर कर दी गई और पुलिस आज 21/7 तक सो रही है।

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