
पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले में 9 साल के नाबालिग का अपहरण करने का आरोप लगा है. हालांकि पुलिस कार्रवाई में उसे पड़ोसी राज्य से बचा लिया गया. कथित तौर पर अपहरणकर्ता 70 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी.
पता चला कि नाबालिग का घर कांथी शहर में है. अपहरणकर्ता उसे ओडिशा के गंजम ले गए. पुलिस ने उसे वहां से बचाया. वहीं, एक शख्स को अरेस्ट किया गया.
मालूम हो कि 9 साल की नाबालिग के पिता की दुकान कांथी शहर के रूपश्री बाईपास इलाके में है. घर के चंदनपुर में है. नाबालिग को उसके पिता की दुकान से उठाया गया था. कांथी थाने की पुलिस ने बुधवार सुबह उसे गंजम के एक घर से बचाया.
अभिजीत सीट नाम के एक शख्स को भी गिरफ्तार किया गया है. वह कांथी रेलवे स्टेशन से सटे इलाके का रहने वाला है. परिजनों का कहना है कि उन्हें उनका बेटा सकुशल वापस मिल गया है. अब उन्हें और कुछ नहीं चाहिए. इस घटना लेकर असमंजस बना हुआ है. कांथी थाने की पुलिस नाबालिग के अपहरण के मकसद का पता लगाने में जुटी है.
दुकान से मासूम को लेकर हुआ था फरार
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नाबालिग अक्सर अपने पिता की दुकान पर आता रहता है. आरोपी भी उस दुकान पर अक्सर आता रहता है. 12 जुलाई को आरोपी अभिजीत ने कहा कि घर पर समारोह है. तो उस नाबालिग ले जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वह इसे एक घंटे के भीतर वापस ले आएंगे. पिता इस बात पर राजी हो गये. लेकिन उसके बाद नाबालिग काफी देर तक वापस नहीं लौटा. अभिजीत का फोन भी बंद था. इसके बाद कारोबारी के घर फिरौती के लिए फोन आया.
पुलिस ने गंजम से नाबालिग को छुड़ाया
नाबालिग की मां ने बताया कि उन्हें फोन पर बताया गया था कि दीघा-नंदकुमार राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिचबानी के पास एक लाल रंग की कार खड़ी होगी. आपको वहां जाकर पेमेंट करना होगा. फिर पुलिस की निगरानी शुरू हुई.
कांथी पुलिस थाने के अधिकारी अमलेंदु विश्वास ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्ति को गुरुवार को अदालत ले जाया गया. शुक्रवार को टीआई परेड होगी. तभी असली कहानी सामने आएगी. दूसरी ओर, बच्चा मिलने से पीड़ित परिवार ने राहत की सांस ली है.
पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले में 9 साल के नाबालिग का अपहरण करने का आरोप लगा है. हालांकि पुलिस कार्रवाई में उसे पड़ोसी राज्य से बचा लिया गया. कथित तौर पर अपहरणकर्ता 70 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी.
मालूम हो कि 9 साल की नाबालिग के पिता की दुकान कांथी शहर के रूपश्री बाईपास इलाके में है. घर के चंदनपुर में है. नाबालिग को उसके पिता की दुकान से उठाया गया था. कांथी थाने की पुलिस ने बुधवार सुबह उसे गंजम के एक घर से बचाया.
अभिजीत सीट नाम के एक शख्स को भी गिरफ्तार किया गया है. वह कांथी रेलवे स्टेशन से सटे इलाके का रहने वाला है. परिजनों का कहना है कि उन्हें उनका बेटा सकुशल वापस मिल गया है. अब उन्हें और कुछ नहीं चाहिए. इस घटना लेकर असमंजस बना हुआ है. कांथी थाने की पुलिस नाबालिग के अपहरण के मकसद का पता लगाने में जुटी है.
दुकान से मासूम को लेकर हुआ था फरार
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नाबालिग अक्सर अपने पिता की दुकान पर आता रहता है. आरोपी भी उस दुकान पर अक्सर आता रहता है. 12 जुलाई को आरोपी अभिजीत ने कहा कि घर पर समारोह है. तो उस नाबालिग ले जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वह इसे एक घंटे के भीतर वापस ले आएंगे. पिता इस बात पर राजी हो गये. लेकिन उसके बाद नाबालिग काफी देर तक वापस नहीं लौटा. अभिजीत का फोन भी बंद था. इसके बाद कारोबारी के घर फिरौती के लिए फोन आया.
पुलिस ने गंजम से नाबालिग को छुड़ाया
नाबालिग की मां ने बताया कि उन्हें फोन पर बताया गया था कि दीघा-नंदकुमार राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिचबानी के पास एक लाल रंग की कार खड़ी होगी. आपको वहां जाकर पेमेंट करना होगा. फिर पुलिस की निगरानी शुरू हुई.
कांथी पुलिस थाने के अधिकारी अमलेंदु विश्वास ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्ति को गुरुवार को अदालत ले जाया गया. शुक्रवार को टीआई परेड होगी. तभी असली कहानी सामने आएगी. दूसरी ओर, बच्चा मिलने से पीड़ित परिवार ने राहत की सांस ली है.
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