
नई दिल्ली: एक्टिंग की दुनिया में कब किसकी किस्मत चमक जाए और कब किसकी चमकती किस्मत का सितारा डूब जाए कोई नहीं बता सकता. एक हिट फिल्म के बाद आपके पास ऑफर की लाइन लग जाए जरूरी नहीं हैं.
राहुल रॉय ने अपने एक्टिंग करियर में ‘आशिकी’ और ‘जुनून’ जैसी फिल्मों में ऐसे दमदार किरदार निभाए हैं आज भी लोग उन्हें भूल नहीं पाए हैं. 90 के दशक में बॉलीवुड में उनकी तूती बोलती थी. हालांकि महेश भट्ट की फिल्म से रातोरांत स्टार बने राहुल ने उस वक्त 47 फिल्में साइन की थी, जो अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है. लेकिन दोबारा उन्हें आशिकी जैसी सफलता कभी नहीं मिली. उनकी जिंदगी में एक वक्त ऐस भी रहा है जब उनके पास फिल्मों की लाइन लगी हुई थी लेकिन उनके लिए हामी देने के लिए एक्टर के पास टाइम नहीं था. बात खुद राहुल रॉय ने एक इंटरव्यू में बात की थी. हालांकि अब एक्टर खुद मेकर्स से काम मांग रहे हैं. जानिए एक्टर ने फिल्म और करियर को लेकर क्या खुलासे किए.
जब गुमनाम हो गए इस फिल्म के सितारे
राहुल रॉय ने 'आशिकी' के बाद 'फिर तेरी याद आई', 'जानम', 'सपने साजन के' जैसी फिल्मों में काम किया लेकिन उनकी कोई फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल नहीं मचा पाई. देखत ही देखते राहुल रॉय गुमनामी में खो गए कुछ ऐसा ही हाल फिल्म की एक्ट्रेस अनु अग्रवाल के साथ भी हुआ. राहुल-अनु के अलावा इस फिल्म में दीपक तिजोरी भी अहम भूमिका में थे. इसके अलावा रीमा लागू, टॉम अल्टर, अनग देसाई जैसे मंझे हुए कलाकारों ने फिल्म में अहम भूमिका निभाई थी. राहुल रॉय ने आजतक को दिए अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘आशिकी’ के सक्सेस के बाद सब कुछ बदल गया था. अपनी सफलता को वह भुना नहीं पाए और आज वह फिल्ममेकर्स से काम मांग रहे हैं.
6 महीने तक नहीं मिली थी फिल्म
बॉलीवुड हंगामा को दिए इंटरव्यू में राहुल रॉय ने बताया था कि वह महेश भट्ट जैसे बड़े डायरेक्टर की फिल्म में काम करने से पहले वह उनके ऑफिस गए थे. महज 4-6 मिनट की पहली मुलाकात में ही साफ हो गया था कि ये फिल्म राहुल को मिलेगी. दिलचस्प बात ये है कि राहुल रॉय को ‘आशिकी’ जैसी ब्लॉकबस्टर रिलीज के बाद भी छह महीने तक कोई ऑफर नहीं मिला था. उन्होंने बताया, "छह महीने तक मुझे कुछ नहीं मिला. लेकिन बाद में मैंने 11 दिनों में मैंने 47 फिल्में साइन की थ. साथ ही उन्होंने बताया कि आशिकी के लिए उन्हें 30 हजार रुपये फीस मिली थी.
बता दें कि साल 1990 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म'आशिकी लोगों को इतनी पसंद आई थी कि सिनेमाघरों में लोगों ने फिल्म पर खुशी के चलते सिक्के फेंकना शुरू कर दिया था. ये फिल्म राहुल रॉय और अनु अग्रवाल दोनों के ही करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई थी.
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