मणिपुर में जारी हिंसा और राज्य में बिगड़ते हालात को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस समेत कई पार्टियों द्वारा संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग की जा रही है.
इस बीच संसद के मॉनसून सत्र में विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार के खिलाफ इस मसले पर अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुटी हैं. विपक्ष एक ओर इस पर रणनीति बनाने में जुटा है, तो सोशल मीडिया पर पीएम मोदी का चार साल पुराना वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने 2023 में अविश्वास प्रस्ताव आने की भविष्यवाणी की थी.
दरअसल, साल 2018 में किसानों से जुड़े बिल के मसले पर मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. इसपर सदन में करीब 11 घंटे की बहस हुई थी, बहस के बाद वोटिंग हुई थी जिसमें विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी थी. अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में तब 126 और विपक्ष में 325 वोट पड़े थे, यानी मोदी सरकार ने आसानी से इस लड़ाई में विपक्ष को मात दी थी.
जब मोदी ने की थी भविष्यवाणी
अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी ने साल 2019 में एक भविष्यवाणी की थी, तब उन्होंने कहा था कि विपक्ष 2023 में फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश करे. भाजपा की ओर से एक वीडियो जारी किया गया है, जो लोकसभा चुनाव 2019 से पहले का है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष पर सीधा हमला बोल रहे हैं.
पीएम मोदी ने तब कहा था कि मैं आपको शुभकामनाएं देना चाहता हूं कि आप इतनी तैयारी करो कि 2023 में फिर आपको अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़े. इस पर तब लोकसभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी पर निशाना साधा था और इसे अहंकार बताया था. इसपर पीएम ने जवाब देते हुए कहा था कि ये हमारा समर्पण भाव है, अहंकार का परिणाम है कि आप (कांग्रेस) 400 से 40 पर पहुंच गए हैं. हमारी सेवा भाव की नीति है, इसलिए हम 2 से यहां तक पहुंचे हैं.
मणिपुर मसले पर एकजुट हो रहा विपक्ष
मणिपुर में पिछले दो महीने से हिंसा हो रही है, इस बीच दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने का वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद देशभर व्यापक रोष पैदा हुआ. इसी दौरान जब संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ तब विपक्ष ने एकजुट होकर इस मसले को सदन में उठाया है, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर अड़ी हैं जबकि सरकार चर्चा के साथ गृह मंत्री अमित शाह के बयान के लिए तैयार है.
मणिपुर में जारी हिंसा और राज्य में बिगड़ते हालात को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस समेत कई पार्टियों द्वारा संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग की जा रही है.
दरअसल, साल 2018 में किसानों से जुड़े बिल के मसले पर मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. इसपर सदन में करीब 11 घंटे की बहस हुई थी, बहस के बाद वोटिंग हुई थी जिसमें विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी थी. अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में तब 126 और विपक्ष में 325 वोट पड़े थे, यानी मोदी सरकार ने आसानी से इस लड़ाई में विपक्ष को मात दी थी.
जब मोदी ने की थी भविष्यवाणी
अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी ने साल 2019 में एक भविष्यवाणी की थी, तब उन्होंने कहा था कि विपक्ष 2023 में फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश करे. भाजपा की ओर से एक वीडियो जारी किया गया है, जो लोकसभा चुनाव 2019 से पहले का है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष पर सीधा हमला बोल रहे हैं.
पीएम मोदी ने तब कहा था कि मैं आपको शुभकामनाएं देना चाहता हूं कि आप इतनी तैयारी करो कि 2023 में फिर आपको अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़े. इस पर तब लोकसभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी पर निशाना साधा था और इसे अहंकार बताया था. इसपर पीएम ने जवाब देते हुए कहा था कि ये हमारा समर्पण भाव है, अहंकार का परिणाम है कि आप (कांग्रेस) 400 से 40 पर पहुंच गए हैं. हमारी सेवा भाव की नीति है, इसलिए हम 2 से यहां तक पहुंचे हैं.
मणिपुर मसले पर एकजुट हो रहा विपक्ष
मणिपुर में पिछले दो महीने से हिंसा हो रही है, इस बीच दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने का वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद देशभर व्यापक रोष पैदा हुआ. इसी दौरान जब संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ तब विपक्ष ने एकजुट होकर इस मसले को सदन में उठाया है, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर अड़ी हैं जबकि सरकार चर्चा के साथ गृह मंत्री अमित शाह के बयान के लिए तैयार है.
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