उत्तर-प्रदेश शिक्षा का बढ़ता स्तर, अधिकारों के प्रति जागरूकता, असहायों के मददगार बन न्याय दिलाने की ललक और देश-दुनिया में बढ़े रोजगार के अवसरों से युवाओं में काले कोट का क्रेज आसमान पर है.इंटर के बाद बीए-एलएलबी और फिर स्नातक या स्नातकोत्तर के बाद एलएलबी, एलएलम करने के लिए युवा जुटे हुए हैं.
प्रतिवर्ष नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलयू) में प्रवेश के लिए अकेले मेरठ से दो हजार छात्र प्रवेश को दिन-रात मेहनत करते हैं. मेरठ मंडल में सीसीएसयू से संबद्ध छह जिलों में बीए-एलएलबी, बीकॉम-एलएलबी एवं एलएलबी कोर्स में 20 हजार सीटों पर प्रवेश होते हैं. एलएलएम कोर्स में प्रवेश के लिए एक-एक सीट पर औसतन दस दावेदार लाइन में हैं.
मेरठ से भी निकल रहे जज लॉ कोर्स में क्रेज के साथ मेरठ से विद्यार्थी न्यायिक सेवाओं में पहुंच रहे हैं. बीते पांच वर्षों में मेरठ से 30 से ज्यादा छात्र-छात्राएं देशभर के राज्यों में न्यायिक अधिकारी बने हैं. लॉ कोर्स में छात्राओं का रुझान भी बढ़ा है. सत्र 2022-23 में चौ.चरण सिंह विवि में लॉ कोर्स में 31.12 फीसदी छात्राओं ने प्रवेश लिया. एलएलबी में छात्राओं की भागीदारी 29.62 फीसदी है.
लॉ प्वाइंट के निदेशक पवित्र नारायण ने बताया कि युवाओं का लक्ष्य स्पष्ट है. लॉ क्षेत्र जॉब ओरिएंटिड है. एनईपी में चार वर्ष का यूजी हो गया है. छात्र इसके बाद ऐसा कोई कोर्स करेंगे जो जॉब दिलाए. लेकिन बीए-एलएलबी में पांच साल में ही बीए और एलएलबी दोनों हो जाते हैं. ग्रेजुएशन भी और प्रोफेशनल कोर्स भी. बीटेक में चुनिंदा कॉलेजों को छोड़ अधिकांश को पास होने के बाद 30 हजार रुपये महीने की नौकरी नहीं मिल पाती. लॉ में नौकरी का अच्छे विकल्प हैं.
लॉ के बाद कहां हैं मौके
● राज्य में लॉ ऑफिसर, विधिक सलाहकार, विधिक अधिकारी
● राज्य में न्यायिक परीक्षा में मौके.
● कोर्ट में प्रोसिक्यूशन ऑफिसर
● आरबीआई, आईबी सहित महत्वपूर्ण विभागों में विधिक अधिकारी.
● देश-विदेश के कानूनों के लिए लीगल ट्रांसक्रिप्टर विशेषज्ञ
● मध्यस्थता, एविएशन, प्रौद्योगिकी कानून, मानव संपदा कानून में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौके.
● कारपपोरेट लॉ, पारिवारिक, दुर्घटना, मेडिकल लापरवाही मामले, उपभोक्ता कानून, श्रम कानून में चाहिए लॉ विशेषज्ञ.
● दिवालिया कानून के लिए देशभर में प्रशिक्षित अधिवक्ता चाहिए
एक टिप्पणी भेजें