गंगा एक्सप्रेसवे की राह में पहले से स्थापित बिजली लाइन, पेड़ व भवन आदि हटाने (यूटिलिटी शिफ्टिंग) के लिए 255 करोड़ रुपये की और जरूरत आ गई है। अब तक इस काम पर 600 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।अब 255 करोड़ रुपये का इंतजाम अगले विधानसभा सत्र में आने वाले अनुपूरक बजट से कराया जाएगा।
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) पीपीपी माडल पर मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण करवा रहा है। एक और निर्माण तेजी से चल रहा है तो वहीं अभी शिफि्टंग का काम पूरा नहीं हो पाया है। अभी तक 861 विद्युत लाइनों में 803 विद्युत लाइन हटाई जा चुकी हैं। गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना में बाधक बने 193241 वृक्षों में 192374 वृक्ष हटाए जा चुके हैं। अभी मेरठ व हापुड़ में पेड़ हटाने का काम पूरा नहीं हुआ है। यहां के पेड़ वन विभाग के हैं और इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति मांगी गई है। एक्सप्रेसवे के लिए जितने पेड़ काटे गए हैं, उससे ज्यादा पेड़ पूरे एक्सप्रेसवे के दोनों ओर बन जाने पर रोपित किए जाएंगे।
यूपीडा के सूत्रों के मुताबिक यूटीलिटी शिफ्टिंग का काम पूरा हुए बिना एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरी रफ्तार नहीं पकड़ पाएगा। इसीलिए यूपीडा इस पर खास तौर पर फोकस कर रहा है। इसमें विभिन्न विभागों का सहयोग लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुंभ 2025 तक इस एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा हो जाने की अपेक्षा की है।
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