अनियोजित तथा अवैध निर्माण से प्रदेश के 15 बड़े शहरों की सूरत बिगड़ रही है। इन शहरों में बड़े पैमाने पर मानचित्र के विपरीत निर्माण हो रहा है। बिना लेआउट पास कराए कालोनियां विकसित हो रही हैं।इससे आने वाले दिनों में इन शहरों में भीषण जाम की समस्या उत्पन्न होगी। प्रदेश में प्रयागराज इस मामले में सबसे आगे है। वहीं, लखनऊ प्रदेश में पांचवें नंबर पर है। जहां सबसे अधिक अवैध निर्माण हुए हैं।
प्रदेश में अनियोजित तथा अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने के लिए शासन लगातार प्रयास कर रहा है। इसके बावजूद इन पर रोक नहीं लग पा रही है। शासन ने मार्च तक सभी विकास प्राधिकरणों से अवैध निर्माणों तथा अनियोजित कालोनियों के विकास के संबंध में विवरण मंगाया था। हाल ही में इसका कार्यवृत्त जारी किया गया। जिसमें पता चला है कि कई शहरों में बहुत तेजी से अवैध निर्माण हो रहे हैं। अनियोजित विकास व निर्माण में प्रदेश के कुछ छोटे शहर बड़े शहरों को पीछे छोड़ रहे हैं।
गलियों में ऊंची ऊंची इमारतें बन रही हैं। जिससे बुनियादी सुविधाएं सीवर, पानी, जल निकासी की समस्या भी पैदा हो रही है। 80 प्रतिशत इमारतें बिना पार्किंग के बन रही हैं। लिहाजा आने वाले दिनों में सड़कों पर और जाम लगेगा। पार्किंग न होने से इन शहरों में सड़क पर ही गाड़ियां खड़ी होंगी। लोगों को जाम से जूझना पड़ेगा।
सीलिंग, धवस्तीकरण में भी हो रहा है खेल
अवैध निर्माण तथा कालोनियों के ध्वस्तीकरण में भी खेल हो रहा है। शासन के आंकड़े खुद बताते हैं कि अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने में सभी प्राधिकरण लापरवाही कर रहे हैं। जिसकी वजह से नित नई-नई इमारतें बन रही हैं, जो पूरी तरह से मानकों के विपरीत हैं।
प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, आवास विकास तथा एलडीए सबसे आगे
अवैध निर्माण व अनियोजित विकास में प्रयागराज पूरे प्रदेश में पहले नंबर पर है। शासन की ओर से जारी रिपोर्ट में प्रयागराज में कुल 31,361 अवैध निर्माण होने की जानकारी दी गई है। वाराणसी 25,466 अवैध निर्माणों के साथ दूसरे, गोरखपुर 23,625 के साथ तीसरे, आवास विकास परिषद 22,146 के साथ चौथे तथा लखनऊ विकास प्राधिकरण 15,759 अवैध निर्माण के साथ पांचवें स्थान पर है। कानपुर सातवें स्थान पर हैं। वहां 12569 अवैध निर्माण हुए हैं।
अवैध निर्माण गिराने में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण सबसे आगे
अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण सबसे आगे हैं। उसने सबसे अधिक 291 अवैध निर्माण तोड़े हैं। बरेली दूसरे नम्बर पर है। वहां 218 अवैध निर्माण ध्वस्त हुए हैं। प्रयागराज में 173, मेरठ में 159 तोड़े गए हैं। लखनऊ में केवल 79 निर्माण ही ध्वस्त हुए हैं।
किस प्राधिकरण में कितने अवैध निर्माण चिन्हित, कितने गिराए
प्राधिकरण का नाम चिन्हित अवैध निर्माण गिराए गए अवैध निर्माण
प्रयागराज 31361 173
वाराणसी 25466 16
गोरखपुर 23625 23
आवास विकास परिषद 22146 55
लखनऊ 15759 79
मेरठ 13354 159
कानपुर 12569 82
मुरादाबाद 11999 47
आगरा 10828 40
गाजियाबाद 10450 291
सहारनपुर 9109 87
मुजफ्फरनगर 7537 38
बरेली 7435 218
मथुरा वृंदावन 7122 45
अलीगढ़ 5850 26
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