- Shangri - La Dialogue : सैन्य गठबंधनों का हिस्सा बनेगा भारत ? सांगरी - ला डायलॉग में डिप्टी NSA ने दिया जवाब | सच्चाईयाँ न्यूज़

रविवार, 4 जून 2023

Shangri - La Dialogue : सैन्य गठबंधनों का हिस्सा बनेगा भारत ? सांगरी - ला डायलॉग में डिप्टी NSA ने दिया जवाब

 Shangri-La security summit 2023 Singapore: सिंगापुर में चल रही 'सांगरी-ला डायलॉग' सिक्योरिटी समिट के बीच भारत ने सैन्य गठबंधनों (military alliances) को लेकर बड़ा बयान दिया है.इस शिखरवार्ता में शामिल हुए भारत के डिप्टी एनएसए विक्रम मिस्त्री ने अपने संबोधन में कहा है कि भारत (Inida) किसी भी सैन्य गठबंधन का हिस्सा बनने में यकीन नहीं रखता है, हालांकि वह जिन तंत्रों का हिस्सा है, वहां वो स्वयं को बराबर के सहभागी के रूप में जरूर देखता है.

भारत की दुनिया को दो टूक

'इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज' (IISS) द्वारा आयोजित 'सांगरी-ला डायलॉग' Shangri-La Dialogue) में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मिस्री ने कहा कि इनमें से कई तंत्रों के मूल में समानता है. उन्होंने कहा, 'भारत सैन्य गठबंधनों का हिस्सा बनने में यकीन नहीं रखता है. लेकिन, हमारी सैन्य और रक्षा क्षेत्रों में विभिन्न देशों के साथ साझेदारी है. ऐसे सैन्य गठबंधनों का अलग ही संकेतक है और उनकी व्याख्या भी बहुत अलग है. हम किसी सैन्य गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं. हम जिन तंत्रों का हिस्सा हैं, वहां स्वयं को बराबरी के साझेदार के रूप में देखते हैं.'

चीन को दिखाया आईना

गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में चीन के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भी हिस्सा लिया. चीन में भारत के राजदूत रह चुके मिस्री ने हिन्द महासागर में भारत-अमेरिका की साझेदारी पर कहा, 'हर जगह साझेदारी मुक्त और समावेशी होनी चाहिए और अगर मैं गलत नहीं हूं तो यह भारत के हिन्द-प्रशांत विचारधारा का भी मूल है. यह स्वतंत्र और मुक्त हिन्द-प्रशांत की हमारी व्याख्या है. यह वास्तविक रूप से हमारी सोच और इन विषयों पर हमारी विचारधारा के अनुरुप है.'

इस दौरान, चीनी प्रतिनिधि के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मिस्री ने कहा, 'चूंकि आपने भागीदारी के रूप में मुक्त और समावेशी विचार की बात की है, मैं आशा करता हूं कि इन सिद्धांतों का हर जगह और हर किसी के द्वारा, विभिन्न भौगोलिक स्थानों पर भी समान रूप से सम्मान किया जाएगा.'

चीन ने जताई चिंता

चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने कहा है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शीत युद्ध का खतरा मंडरा रहा है, कुछ लोग कोल्ड वार की साजिश रच रहे हैं लेकिन बीजिंग उस टकराव पर बातचीत चाहता है. चीन का बयान शांगरी-ला डायलॉग में अमेरिकी डिफेंस सेकेट्री लॉयड ऑस्टिन से औपचारिक रूप से मिलने से इनकार करने के बाद आया है. शीर्ष सुरक्षा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए ली ने अमेरिका पर तंज कसते हुए अपने पुराने आरोपों को दोहराते हुए कहा कि दुनिया के कुछ देश हथियारों की दौड़ को तेज करने और दूसरों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से बाज नहीं आ रहे हैं.

बिना चीन का नाम लिए विनाश की चेतावनी

इसी मंच से चीन को जवाब देते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि ताइवान पर युद्ध 'विनाशकारी' होगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था को ये जिस तरह से नुकसान पहुंचाएगा, हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. इस बयान के साथ अमेरिका ने चीन को ताइवान से दूर रहने की चेतावनी दी है.

(एजेंसी: रॉयटर्स)

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