थाना सरूरपुर क्षेत्र के कस्बा हर्रा में शुक्रवार की रात दबिश के विरोध में लूट के आरोपियों ने सरधना पुलिस पर हमला बोल दिया था। घटना में अपराध निरीक्षक व दो सिपाही घायल हो गए थे।घायलों की तरफ से 11 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। वांछित व हमले के आरोपी को कस्बे के एक सफेदपोश नेता ने पुलिस को सौंप दिया। हालांकि, पुलिस ने लूट के वांछित आरोपी की गिरफ्तारी दिखाते हुए एक देशी बंदूक बरामद की है। रविवार दोपहर पुलिस ने पूछताछ के बाद आरोपी को जेल भेज दिया।
सरधना क्षेत्र में बीती चार मार्च को ईकड़ी गांव के पास मोबाइल लूट की घटना में हर्रा निवासी कल्लू उर्फ जिशान पुत्र कयूम वांछित चल रहा था। शुक्रवार की रात सरधना थाने के अपराध निरीक्षक बृजकिशोर ने पुलिस टीम के साथ सरूरपुर थाने में बिना आमद कराए हर्रा कस्बे में आरोपी के मकान पर दबिश दी। मकान से आरोपी को हिरासत में लेने पर परिजनों ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया।
आरोपी पक्ष ने कहा कि सरधना थाने के सिपाही ने मुकदमे में से नाम निकालने के लिए 48 हजार की रकम ली हुई है। लेकिन पुलिस आरोपी को लेकर जाने लगी। इस पर युवकों ने डंडों से हमला कर जिशान को छुड़ा लिया था। मकान की छत से भी पुलिस पर पथराव किया गया था। हमले में अपराध निरीक्षक बृजकिशोर व सिपाही सनी और अभिषेक घायल हो गए थे। हमले के दौरान हमलावरों ने पुलिसकर्मी की पिस्टल भी छीन ली थी। जो कि कार्रवाई के दबाव के चलते तीन घंटे बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को लौटाई।
पुलिस ने आरोपी पक्ष की रात तक गिरफ्तारी नहीं होने पर मकान पर बुलडोजर चलाने की चेतावनी दी तो स्थानीय लोगों ने मुख्य आरोपी जीशान को पुलिस को सौंपने की बात कही थी। शनिवार देर रात नेताओं ने जिशान को पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने जिशान की निशानदेही पर एक देशी बंदूक बरामद की है। रविवार को पुलिस ने जिशान से पूछताछ करने के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया।
महिला रिश्तेदार को रातभर हिरासत में रखा
हमले के बाद अपराध निरीक्षक की तहरीर पर सरूरपुर थाना पुलिस ने लूट के आरोपी कल्लू उर्फ जीशान सहित उसके पांच भाई व पिता और परिवार की चार महिलाओं के खिलाफ जानलेवा हमले सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। मुकदमा दर्ज करने के बाद सरूरपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तारी के प्रयास में रिश्तेदारियों में दबिश दी।
आरोप है कि थाना पुलिस ने आरोपी की दो महिला रिश्तेदारों को तीन बच्चों सहित रातभर थाने में रखा। अधिकारियों को अवगत कराने के बाद बच्चों को शनिवार देर शाम पुलिस ने सुपुर्दगी में सौंप दिया। कस्बे के लोगों ने महिलाओं को छोड़ने की गुहार लगाई थी। बाद में पुलिस ने किरकिरी से बचने के लिए महिलाओं को छोड़ दिया।
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