उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क देश में साइबर क्राइम को अंजाम देने के लिए आठ राज्यों के मोबाइल नंबर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है. पिछले साल और इस साल जो भी घटनाएं मेरठ में हुई हैं, उनके विश्लेषण से यह खुलासा किया गया है.मेरठ साइबर सेल की टीम ने संबंधित राज्यों को इस संबंध में सूचना ई-मेल के माध्यम से भेजी है. साथ ही नंबरों को बंद कराने की कवायद शुरू करते हुए टेली कम्यूनिकेशन विभाग को रिपोर्ट भेजी है. नंबरों को उपलब्ध कराने वाले संबंधित वैंडर पर भी कार्रवाई को लिखा गया है.
साइबर क्राइम को अंजाम देने के लिए अलग-अलग गैंग फर्जी आईडी पर निकाले गए मोबाइल सिम का इस्तेमाल करते हैं. इन मोबाइल सिम को मामूली सी रकम देकर ले लिया जाता है. इसके बाद इनका इस्तेमाल साइबर क्राइम में किया जाता है. मेरठ साइबर सेल ने इसी संबंध में 8 राज्यों को ई-मेल के माध्यम से सूचना दी है और ई-मेल भेजा गया है. इनमें राजस्थान, असम, बंगाल, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, बिहार, झारखंड और तेलंगाना राज्यों का नाम है. इन नंबरों और इनसे जुड़े मोबाइल को ब्लॉक कराने की कार्रवाई की गई है. इन सिम का इस्तेमाल जिन मोबाइल में किया गया, उन्हें भी ब्लॉक कराया जा रहा है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय, लॉ इंफोर्समेंट एजेंसी और डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकाम को रिपोर्ट गई है.
7 हजार से ज्यादा नंबर हुए रिपोर्ट
पिछले कुछ सालों में वेस्ट यूपी, दिल्ली और एनसीआर के इलाके में पुलिस ने करीब 7 हजार नंबरों को रिपोर्ट किया है. इन सभी मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल साइबर क्राइम में किया गया. इन्हें बंद कराने के लिए पुलिस मुख्यालय, लॉ इंफोर्समेंट एजेंसी और डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम को रिपोर्ट भेजी गई हैं और नंबरों को बंद भी कराया गया. करीब डेढ़ हजार के आसपास मोबाइल नंबरों को भी इस्तेमाल से बाहर कराया गया.
आईडी पर लिखकर और साइन करके ही दें
गली मोहल्लों में स्टॉल लगाकर सिम बेचने वालों से साइबर अपराध से जुड़े लोग सिम लेते हैं. इसके लिए गलत आईडी का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में इससे बचने के लिए जो भी सिम नंबर लिया है, आईडी पर लिखकर और इस पर साइन करके ही दें. कई बार लोगों को मामूली रकम का लालच लेकर उनकी आईडी पर सिम खरीदे जाते हैं. इसी तरह से लोगों की आईडी पर बैंक खाते खुलवा लिए जाते हैं और पासबुक-चेकबुक और एटीएम का साइबर अपराधी गलत इस्तेमाल करते हैं.
दक्षिण भारत में चल रहे पूर्वोत्तर राज्यों के नंबर
साइबर सेल के अधिकारियों ने खुलासा किया कि असम और बंगाल के नंबर आंध्रप्रदेश व तेलंगाना में चलाए जा रहे हैं. वहीं, राजस्थान के नंबर असम और उड़ीसा के नंबरों का इस्तेमाल बिहार में किया जा रहा है. इस तरह से अलग अलग राज्यों की आईडी पर निकाले गए सिम को दूसरे राज्यों में इस्तेमाल कराया जा रहा है.
कुछ राज्यों में फर्जी आईडी पर सिम लेकर इन्हें साइबर अपराध के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. आठ से नौ राज्यों के ही ज्यादा नंबर हैं. इन सभी को बंद कराया जा रहा है. - राघवेंद्र सिंह, प्रभारी साइबर सेल, मेरठ
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