उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे हाथरस के छह डॉक्टरों को निलबिंत कर दिया है। इसके अलावा लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में शव सील करने के एवज में कर्मचारी द्वारा रुपये मांगने के आरोप लगने पर जांच के आदेश दिए हैं।अस्पताल निदेशक से स्पष्टीकरण मांगा है। इसी तरह मेरठ मेडिकल कॉलेज सहित विभिन्न अस्पतालों से जुड़े मामले में भी जांच के आदेश दिए गए हैं।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी हास्पिटल (सिविल) के पोस्टमार्टम हाउस में शव रखा था। आरोप है कि शव सील करने के एवज में रविवार को यहां के कर्मचारी ने मृतक के परिजनों से 800 रुपये मांगे। मामले की जानकारी मिलने पर उप मुख्यमंत्री ने अस्पताल के निदेशक से स्पष्टीकरण मांगा है। जांच कर दोषी कर्मचारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। मंगलवार शाम तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
इसी तरह एलएलआर मेरठ मेडिकल कॉलेज में फर्श पर लेटे हुए मरीज का वीडियो वायरल होने के मामले में भी उप मुख्यमंत्री ने जवाब तलब किया है। पूछा है कि किन कारणों से मरीज को बेड नहीं मिला? पूरे मामले में जांच कर सप्ताहभर में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। इसी तरह उन्नाव स्थित रसूलाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती को स्टाफ नर्स द्वारा भर्ती करने से इनकार कर करने और आशा कार्यकत्री द्वारा गर्भवती को निजी अस्पताल में भर्ती कराने के मामले में भी जांच के आदेश दिए हैं। उन्नाव सीएमओ को तीन दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। सीतापुर जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर पर पैसे लेकर मरीज को इलाज उपलब्ध कराने का प्रकरण सामने आया है। इस प्रकरण में भी जांच के आदेश दिए गए हैं।
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