जानीखुर्द। गांव जखेड़ा के चर्चित सोनू हत्याकांड का एक साल बाद भी खुलासा नहीं हो पाने के बाद अब पुलिस ने नार्को टेस्ट का सहारा लिया है। इसके लिए पुलिस ने हत्याकांड में नामजद सभी 10 आरोपियों के नार्को टेस्ट की अनुमति न्यायालय से ली है।पुलिस ने नार्को टेस्ट के लिए लखनऊ लैब से समय मांगा है।
गांव जखेड़ा निवासी सोनू पुत्र प्रकाश दूध व्यापारी था। गत वर्ष 31 मई को सोनू पिकअप से सिवालखास दूध पहुंचाने के लिए गया था। लौटते समय रघुनाथपुर-जखेड़ा मार्ग पर सोनू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के बड़े भाई अनिल ने जानी थाने में गांव के ही 10 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट में धीरज, ईश्वर, सुन्दर, राहुल, मोनू, सत्यप्रकाश, लोकेश, मुकेश, चमन और महेन्द्र को नामजद किया गया था। घटना का कारण चुनावी रंजिश बताया था। घटना को लेकर पुलिस ने नामजद करवाए गए लोगों से लगातार एक माह तक पूछताछ की। लेकिन घटना का खुलासा नहीं हो पाया। सभी 10 आरोपियों की मोबाइल की लोकेशन घटनास्थल पर नहीं मिली। न ही उनके घटना में शामिल होने के कोई सबूत पुलिस को मिले। इसके बाद पुलिस ने सोनू हत्याकांड की जांच हर पहलू से की, लेकिन पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लगी। पुलिस पर हत्याकांड के खुलासे के लिए पीड़ित पक्ष लगातार दबाव बनाए हुए है।
पुलिस ने सोनू हत्याकांंड का खुलासा करने के लिए एक माह पूर्व न्यायालय में घटना में नामजद आरोपियों का नार्को टेस्ट करवाने के लिए अनुमति मांगी थी। न्यायालय में पेश किए जाने पर आरोपियों ने नार्को टेस्ट के लिए अपनी रजामंदी दे दी है।
जानी थानाध्यक्ष राजेश कंबोज के अनुसार नार्को टेस्ट के लिए न्यायालय का आदेश लखनऊ लैब भेज दिया गया है। वहां से जो तिथि मिलेगी, उसमें नामजद आरोपियों का नार्को टेस्ट करवाया जाएगा।
क्या है नार्को टेस्ट
जानीखुर्द। जानी थानाध्यक्ष राजेश कंबोज के अनुसार नार्को टेस्ट शातिर अपराधियों से जानकारी निकालने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट की केटेगरी में पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट भी आते हैं। अपराधियों से अपराध से जुड़े सबूत और जानकारी निकालने के लिए नार्को टेस्ट की मदद ली जाती है। मेरठ ब्यूरो
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