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रविवार, 4 जून 2023

Meerut : इटायरा में 210 बीघा जमीन पर 62 करोड़ से बनेगा औद्योगिक क्षेत्र , 7500 लोगों को मिलेगा रोजगार

 मेरठ के इटायरा में कब्जा मुक्त कराई गई 210 बीघा जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित होगा। इसके लिए यूपीसीडा ने जिला प्रशासन से अनुमति मांगी है। यूपीसीडा ने इसका खाका तैयार कर लिया है।इसके तहत 62 करोड़ से क्षेत्र का विकास होगा। छोटे- बड़े मिलाकर उद्यमियों के लिए 150 प्लाट काटे जाएंगे। इस योजना से हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

यूपीसीडा 1996 में मेरठ में उद्योगपुरम विकसित कर चुका है। अब इटायरा में खाली कराई गई 50 एकड़ भूमि के विकास का खाका तैयार किया है। भूमि का 15 एकड़ सड़क, नाली, पार्क, फायर स्टेशन और सुरक्षा संबंधी अन्य व्यवस्था के लिए प्रयोग किया जाएगा। 35 एकड़ भूमि पर उद्योग स्थापित करने के लिए प्लाट काटे जाएंगे। यूपीसीडा के आरएम राकेश झा ने बताया कि यूपीसीडा लंबे समय से इस भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए जिला प्रशासन से भूमि की मांग कर रहा है।

जिला प्रशासन ने भूमि को खाली कराकर ग्राम प्रधान को सौंप दी है। अब भूमि यूपीसीडा को हैंडओवर की जाए इस संबंध में जिला प्रशासन से मांग की जा रही है। अनुमति मिलते ही यूपीसीडा नक्शा पास कराकर निर्माण संबंधी कार्य करेगा। उन्होंने बताया कि प्रति एकड़ निर्माण कार्य में लगभग 1 करोड़ से 1.25 करोड़ तक का अनुमानित खर्च आएगा। ऐसे में पूरे प्राजेक्ट की वर्तमान समय में अनुमानित लागत 62 करोड़ के आसपास आंकी जा रही है।

7500 लोगों को मिलेगा रोजगार

शहर में स्पोर्ट्स, ट्रांसफार्मर, कारपेट, मशीन पार्ट्स, इलेक्ट्रानिक्स, एफएमसीजी सहित क्रिकेट गुड्स आदि का कारोबार होता है। इटायरा में 150 उद्योग स्थापित होने से औसतन 7500 लोगों को सीधा रोजगार मिलेगा। एक उद्योग को संचालित करने में 50 से 80 लोगों को आवश्यकता होती है।

यूपीसीडा के साथ अब जिला उद्योग केंद्र भी इटायरा में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए भूमि मांग रहा है। जिला उद्योग केंद्र के द्वारा परतापुर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया गया था। डीआईसी के द्वारा भी लंबे समय से मेरठ में कोई औद्योगिक क्षेत्र विकसित नहीं किया गया है। उपायुक्त उद्योग दिपेंद्र कुमार ने बताया कि उच्च अधिकारियों से पत्र भेजकर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए अनुमति मांगी जा रही हैं। इसके बाद जिला प्रशासन के सामने प्रस्ताव रखा जाएगा।गढ़ रोड से हापुड़ रोड को जोड़ने वाले इनर रिंग रोड के निर्माण की बाधा जल्द होगी दूर

अधूरी बनी इनर रिंग रोड को पूरा करने में आ रही बाधा अब दूर होगी। इसके लिए 45 किसानों ने पांच प्रतिशत विकसित भूखंड लेकर जमीन देने की सहमति दी है। अब जमीन का मुआवजा देकर जल्द निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। इनर रिंग रोड का निर्माण लगभग बारह वर्षों से अटका है। सड़क में दो किलोमीटर का हिस्सा आवास विकास और दो किलोमीटर का मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) का है। मेडा सड़क तैयार कर चुका है। अब गढ़ रोड से लेकर लोहिया नगर से ठीक पहले तक आवास विकास को सड़क बनानी है।

किसानों के भूखंडों को लेकर मामला अटका था। सरायकाजी के किसानों की सहमति के बाद आवास विकास ने काम शुरू किया था। बीते दिनों काजीपुर के किसानों ने भी इस पर सहमति दे दी थी। आवास विकास के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि किसानों को बढ़े हुए मुआवजे के तौर पर 17 करोड़ रुपए की ग्रांट शासन ने भेज दी है। ऐसे में अब जल्द ही इस मार्ग पर निर्माण फिर से शुरू हो सकेगा।

गढ़ से आने वाले वाहनों को तेजगढ़ी आने की जरूरत नहीं होगी : इस सड़क के जुड़ जाने से गढ़ से आने वाले वाहनों को तेजगढ़ी होकर हापुड़ रोड नहीं आना पड़ेगा। वह सीधे काली नदी से बायें मुड़कर चार किमी का सफर पूरा कर हापुड़ रोड पर पहुंच जाएंगे।

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