एसआईटी की रिपोर्ट के बाद पुलिस आयुक्त ने की कार्रवाई
गुरुग्राम। 15 दिन पहले फर्रुखनगर थाने में दर्ज हनी ट्रैप के मामले में गिरफ्तार युवक और युवती की मदद करने वाली महिला थानेदार को निलंबित कर दिया गया है।
एसआईटी की ओर से चल रही जांच में भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर पहले उसे लाइन हाजिर किया गया था। पुलिस आयुक्त कला राम चन्द्रन के आदेश के बाद उसे निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उसकी विभागीय जांच खोलने का आदेश दिया है।
एसीपी डीएलएफ विकास कौशिक ने बम्बल एप पर चेटिंग करते हुए बिनीता कुमारी नामक एक युवती को दोस्ती करने के बाद 50 हजार रुपये के लिए ब्लैकमेल करने की जांच में उसे गिरफ्तार किया था। इस मामले की जांच के लिए पुलिस आयुक्त के निर्देश के बाद एसीपी डीएलएफ, एसपी पटौदी और एसीपी न्यू डीएलएफ को लगाया गया था। जांच के बाद पुलिस टीम ने बिहार की रहने वाली युवती और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
एसआईटी को मामले की जांच में फर्रुखनगर थाने में तैनात एएसआई मुनीश की भूमिका संदिग्ध मिली थी। जिसके बाद उसे लाइन हाजिर किया था। बाद में आरोपियों की कॉल डिटेल व मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसकी भूमिका संदिग्ध पाते हुए उसे निलंबित कर दिया गया था। बता दें कि यह महिला एएसआई पहले उद्योग विहार थाने में तैनात थी। उसका पति भी वहां पर निजी कंपनी में कार्यरत है। जहां पर विवादों में आने के कारण उसका तबादला फर्रुखनगर थाने में किया गया था।
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