- ' इश्कबाज ' गैंगस्टर , गर्लफ्रेंड के भाई को भेजता था रंगदारी का पैसा ; ऐसे होता था खेल | सच्चाईयाँ न्यूज़

मंगलवार, 6 जून 2023

' इश्कबाज ' गैंगस्टर , गर्लफ्रेंड के भाई को भेजता था रंगदारी का पैसा ; ऐसे होता था खेल

 झारखंड के जमशेदपुर स्थित घाघीडीह जेल में बंद शूटर अमन सिंह की रंगदारी वसूली की रकम उसके गर्लफ्रेंड बोकारो सेक्टर-9 निवासी सलोनी कुमारी उर्फ सानू सिंह के मौसेरे भाई पवन उर्फ गोलू महतो के खाते में पहुंचता था।3 महीने पूर्व अमन सिंह ने पवन के बैंक खाते में यूपीआई के माध्यम से 4 लाख रुपए भिजवाया था। अमन के कहने पर एक दुकानदार ने पवन के एकाउंट में 1 लाख 20 हजार रुपए ट्रांसफर किया था। सलोनी ने जेल जाने से पहले पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं। सलोनी ने बताया कि उसका भाई खाता में पैसा आने के बाद एटीएम से निकाल-निकाल कर उसे पहुंचाता था। सलोनी अमन गिरोह के लड़कों को पनाह देने के साथ-साथ उनके खातों में तय रकम भी भिजवाती थी। अमन सिंह के कहने पर वह लोयाबाद के विजय सिंह से रुपए लेने के लिए स्कूटी से लोयाबाद आई थी। विजय ने उसे 30 हजार रुपए व एक मोबाइल दिया था।

अमन ने जेल से निकल कर शादी का दिया भरोसा

सलोनी ने पुलिस को बताया कि 17 साल पहले उसके पिता संजय सिंह ने उसकी मां को छोड़ कर दूसरी शादी कर ली थी। मां कबाड़ी की दुकान में काम कर घर चला रही थी। उसके बपचन का दोस्त चास निवासी सागर सिंह हजारीबाग जेल में बंद था। उसी ने अमन से उसकी दोस्ती कराई थी। बात होते-होते दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे। अमन ने हर माह 5 लाख रुपए देने का वादा किया था। अमन ने बताया था कि जब वह जेल से बाहर निकलेगा तो उससे शादी कर लेगा। इसके बाद अमन के कहने पर वह उसे गिरोह के शूटरों को पनाह देने लगी।

संजय सिंह ही देता था व्यापारियों का नंबर

अमन गिरोह का शूटर और यूपी गोंडा के कांस्टेबल शिव कुमार शुक्ला के पुत्र आशीष शुक्ला उर्फ सत्यम उर्फ प्रिंस ने पुलिस को बताया है कि बरवाअड्डा कुर्मीडीह के राजकुमार साव पर गोली चलाने के लिए उसे झरिया निवासी सुशील सिंह ने 90 हजार रुपए दिए थे। अमन के इशारे पर उसे रुपए दिए गए थे। उसके पास से पुलिस को जो पिस्टल मिली है, उसी से उसने राजकुमार को गोली मारी थी। आशीष ने पुलिस को बताया कि सुशील सिंह के घर पर रहने वाला संजय सिंह ही अमन सिंह को धनबाद के व्यापारियों का नंबर देता है। जिससे अमन, आशीष रंजन उर्फ छोटू और वैभव फोन करके रंगदारी मांगते हैं। उसने बताया कि हजारीबाग का बाबू सिंह भी शूटरों को पनाह देता है। वह उसके घर पर भी रहा है। जब हजारीबाग से अमन सिंह को जमशेदपुर जेल भेजा जा रहा था तो वह भी अपनी गाड़ी से कैदी गाड़ी के साथ जमशेदपुर तक गया था।



एक टिप्पणी भेजें

Whatsapp Button works on Mobile Device only

Start typing and press Enter to search

Do you have any doubts? chat with us on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...