खिलाड़ी कोटे के तहत अग्निवीर छोड़ खाकी को दे रहे तरजीह -खिलाड़ियों को खेल कोटे से यूपी में सिपाही के पद पर किया गया था भर्ती -तीरंदाज प्रेरित का अग्निवीर में चयन हुआ, खाकी पहनने को नौकरी छोड़ी - अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी मधु भी रेलवे में नौकरी कर रही, एसआई बनाने पर आने को तैयार अंकित चौहान बागपत।अग्निवीर की नौकरी छोड़कर खिलाड़ी खाकी पहनने को तरजीह दे रहे हैं। उप्र पुलिस में सिपाही के पद पर सीधी भर्ती किए जाने के बाद खिलाड़ियों ने अग्निवीर की नौकरी छोड़नी शुरू कर दी है। यहां के एक तीरंदाजी खिलाड़ी ने अग्निवीर की नौकरी छोड़ दी है तो एक अन्य खिलाड़ी ने रेलवे की नौकरी छोड़ने को एसआई का पद देने की शर्त रख दी है। जिसपर अभी फैसला नहीं हो सका है।
उत्तर पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने पिछले वर्ष खिलाड़ियों से आरक्षी के 534 पदों पर सीधी भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे। जिसके लिए आवेदन के बाद प्रमाण पत्रों का मूल्यांकन करने के साथ ही जांच की गई। इसके बाद पुरुषों के दस खेलों और महिलाओं के नौ खेलों के 234 खिलाड़ियों के चयन की मार्च में सूची जारी की गई थी। जिनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 97 खिलाड़ी जगह बनाने में कामयाब रहे थे और इनमें भी सबसे ज्यादा मेरठ व बागपत के 13-13 खिलाड़ी शामिल थे। इनमें कई खिलाड़ी ऐसे सामने आए, जिनकी नौकरी के लिए आवेदन करने से परिणाम आने के बीच में अन्य विभागों में नौकरी लग गई थी। वह अब तय कर रहे हैं कि उनको पुरानी नौकरी में रहना है या यूपी पुलिस की खाकी पहननी है।
तीरंदाज प्रेरित ने दिया अग्निवीर से इस्तीफा
बागपत के रहने वाले अंतर्राष्ट्रीय तीरंदाज प्रेरित का चयन भी यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर हुआ है। जबकि उससे पहले उसका चयन अग्निवीर के तहत हो चुका था। लेकिन अब उसने यूपी पुलिस की खाकी पहनने का फैसला लिया है और इसके लिए उसने अग्निवीर से इस्तीफा दे दिया है। उसने अग्निवीर की नौकरी से मिला दो महीने का वेतन भी लौटा दिया है।
मधु को मिलेगा एसआई पद तो छोड़ेंगी रेलवे की नौकरी
देश का कई बार प्रतिनिधित्व कर चुकी अंतर्राष्ट्रीय तीरंदाज मधु वेदवान का चयन भी यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर हुआ है। लेकिन इससे पहले ही उसकी नौकरी रेलवे में लग चुकी थी। हालांकि मधु वेदवान ने अपनी उपलब्धियों के आधार पर यूपी पुलिस में एसआई का पद मांगा था, जो उनको नहीं मिल सका। मधु वेदवान ने साफ कहा है कि अगर उनको यूपी पुलिस में एसआई का पद मिलता है, तो वह रेलवे की नौकरी छोड़ने के लिए तैयार है। क्योंकि उनको अपने प्रदेश की खाकी पहनना ज्यादा पसंद होगा। मेरठ ब्यूरो
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