नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड भारत के चार दिवसीय दौरे पर हैं। इस बीच, नेपाल के नागरिकता कानून के विवादास्पद संशोधन को राष्ट्रपति ने सहमति दे दी है, जिससे चीन की नाराजगी बढ़ सकती है।दिसंबर, 2022 में नेपाल के प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रचंड की यह पहली विदेश यात्रा है।
नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने देश के नागरिकता कानून के विवादास्पद संशोधन पर मुहर लगाकर अपनी सहमति दे दी है। यह संशोधन नेपाल के नागरिक से शादी करने वाली विदेशी महिलाओं को राजनीतिक अधिकारों के साथ तुरंत नागरिकता प्रदान करता है। यह संशोधन नेपाल के नागरिकता कानून को दुनिया के सबसे उदार कानूनों में से एक बनाता है। वहीं, नेपाल के इस फैसले से चीन में नाराजगी देखने को मिल सकती है। चीन चेतावनी देता आया है कि यह कानून तिब्बती शरणार्थियों के परिवारों को नागरिकता और संपत्ति का अधिकार दे सकता है।
अब विदेशी महिलाओं को नागरिकता के लिए नहीं करना होगा 7 साल का इंतजार
साल 2018 में नेपाल की तत्कालीन के पी शर्मा ओली की सरकार में संसद के सचिवालय में बिल को रजिस्टर कराया गया था और 2020 में इसे संसद में पेश किया गया। हालांकि, विपक्षी दलों द्वारा इसका काफी विरोध भी हुआ। पिछले साल 14 जुलाई को गतिरोध के बीच इसे संसद में पास कर दिया गया। विधेयक में नेपाल नागरिकता एक्ट 2006 में संशोधन किया गया था। विपक्षी दलों के विरोध के कारण यह काफी चर्चाओं में रहा।
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पहले क्यों लाया गया था विधेयक
नेपाल में 20 सितंबर, 2015 में नया संविधान लागू होने से पहले जिनका जन्म हुआ उनके पास नेपाल की नागरिकता थी, लेकिन संविधान में कानून के अभाव के कारण उनके बच्चे इससे वंचित थे। संविधान के मुताबिक, उन्हें नागरिकता देने के लिए एक संघीय कानून की जरूरत थी, लेकिन संविधान लागू होने के 7 साल बाद भी संघीय कानून नहीं लाया गया। संशोधन लाए जाने को लेकर नेपाली सरकार का कहना था कि हजारों लोग ऐसे हैं, जिनके माता-पिता नेपाल के नागरिक हैं, लेकिन फिर भी वे नागरिकता प्रमाण पत्र से वंचित हैं। इसकी कमी के कारण वो लोग शिक्षा और दूसरी सुविधाओं सें वंचित हैं। नेपाल की पूर्व राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के पास कानून में संशोधन की फाइल भेजी गई थी, लेकिन उन्होंने इस पर सहमति देने से इनकार कर दिया था।
पीएम मोदी से मिले प्रचंड
भारत पहुंचने के बाद नेपाल के पीएम प्रचंड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को हिमालयी ऊंचाइयों पर ले जाने और सीमा मुद्दे समेत सभी मामलों को को हल करने का संकल्प लिया। बैठक के बाद मीडिया को दिए बयान में पीएण मोदी ने कहा कि उन्होंने और प्रचंड ने भविष्य में दोनों देशों के बीच साझेदारी को सुपर हिट बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।
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