मेरठ में सुबह के समय तेज धूल भरी हवाओं ने मौसमबदल दिया।सुबह नौ बजे के आसपास धूल के गुबार छाने से दृश्यता कम हो गई। हाईवे और सड़कों पर लोगों को वाहन रोकने पड़े। एक घंटे बाद भी आसमान पर धूल की परत धुंध के रूप में जमी रही। खास बात यह है कि यह मेरठ ही नहीं दिल्ली, राजस्थान तक इसका फैलाव रहा। धूल के कारण बाहर निकले लोग सुरक्षित स्थान तलाशते देखे गए। हवा की रफ्तार 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा रही।
कई इलाकों में बूंदाबांदी और ओलावृष्टि की संभावना
मौसम विज्ञानियों के अनुसार पिछले दिनों राजस्थान समेत उत्तर भारत के इलाकों में तापमान सामान्य से ऊपर बना हुआ है जिससे कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो गया है। इसलिए ही धूल भरी हवाएं ऐसे इलाकों में चल रही हैं। धूल भरी हवाएं चलने का ट्रेंड हैं। कई इलाकों में बूंदाबांदी और ओलावृष्टि की संभावना जताई है। लेकिन मेरठ और उसके आसपास बरसात और ओलावृष्टि की संभावना नहीं है। धूल भरे अंधड़ के शांत होने के बाद ठंडी हवाएं चलने तापमान गिर गया है। 17 मई तक ऐसे अंतराल आते रहेंगे।
मेरठ का अधिकतम तापमान
चार दिनों से सामान्य से दो डिग्री अधिक 40 के आसपास अटका हुआ है। रात में भी गर्मी बढ़ रही है। मंगलवार न्यूनतम तापमान 27.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।सवभाप कृषि विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र के प्रभारी डा. यूपी शाही ने बताया कि 17 को एक पश्चिम विक्षोभ भी सक्रिय हो रहा है। संयुक्त प्रभाव से बूंदाबांदी हो सकती है। 18 के बाद तापमान 40 के पार जाएगा और हीट वेव की आशंका है।
एक टिप्पणी भेजें