बच्ची बाहर निकलने का प्रयास करती रही, लेकिन सफल नहीं हो पाई और दम घुटने से उसकी मौत हो गई. दो घंटे बाद परिजनों को जब उसका ख्याल आया तब तक देर हो चुकी थी.
बिशारतगंज थाना क्षेत्र से दिल को झकझोर देने वाली घटना मंगलवार की है. थाना क्षेत्र के बलेई भगवन्तपुर के किसान कुंवरसेन सक्सेना की बेटी मधु देर शाम अन्य बच्चों के साथ खेल रही थी. बच्चे रोज की तरह ही लुका-छिपी खेलते हुए शोर कर रहे थे, इसलिए किसी ने ज्यादा गौर नहीं किया. अंधेरा होने तक सभी बच्चे आसपास ही उछल-कूद कर रहे थे. इसके बाद सभी बच्चे घर पहुंच गए. जब मधु का पता नहीं चला तब उसकी तलाश शुरू की गई. बच्ची को कई जगह ढूंढा गया, मगर वह नहीं मिली. वहीं पास में खड़ी एक कार के अंदर जब झांक के देखा तब उसमें बच्ची मृत अवस्था में पड़ी हुई थी और उसके मुंह से झाग निकल रहा था. आनन-फानन में परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां बच्ची को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
अक्सर देखने में आया है कि जहां चोरी का डर नहीं होता है वहां सामान्य तौर पर गाड़ी को बिना लॉक के खुला ही छोड़ दिया जाता है. इसी कारण मंगलवार को घटना हुई. यदि बोलेरो के दरवाजे बाहर से लॉक होते तो मधु उसमें छिपने का प्रयास नहीं करती और शायद ऐसी जानलेवा घटना न होती. कुंवर सेन की पत्नी सुनीता गृहणी हैं और उनके तीन बच्चों में मधु सबसे छोटी थी. बुधवार को गांव के समीप रामगंगा किनारे उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. हादसे के बाद परिवार में मातम छाया हुआ है.
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