फिर वह डर कर 14 साल उसके साथ रहती है. मौका मिलते ही प्रेमी से मिलकर हत्या कर देती है. यह कहानी शुरू होती है बेतिया से और अंत लखनऊ में होता है. प्रेमी और प्रेमिका जेल में हैं.
बेतिया के नरकटियागंज की रहने वाली प्रियंका 2008 में एसएस शर्मा पब्लिक स्कूल में पढ़ाती थी. स्कूल आने जाने के क्रम में पान दुकानदार बिट्टू जायसवाल से प्रियंका की दोस्ती हो गई. बिट्टू की दुकान पर कुख्यात अपराधी गोरख ठाकुर भी पान खाने आता था और दोनों में एक अच्छी पहचान हो गई थी.
जब प्रियंका और बिट्टू का प्यार परवान चढ़ा तो दोनों ने शादी रचाने की सोची, लेकिन दोनों के परिवार वाले राजी नहीं हुए. उधर, कई अपराधों को अंजाम देने के बाद गोरख लखनऊ में शरण लिए हुए था. बिट्टू और प्रियंका ने लखनऊ जाकर गोरख के यहां शरण ली. जहां गोरख को प्रियंका भा गई.
गोरख ने धमका कर बिट्टू को भगा दिया और प्रियंका से शादी रचा ली. गोरख के खौफ से प्रियंका ने चुप्पी साध ली. लेकिन उसके अंदर प्रतिशोध लेने की आग जलती रही और 14 साल बाद उसने अपने उसकी हत्या कर बदला लिया. 2015 में कुख्यात फिरदौस गोरख ठाकुर की शरण में गया. फिरदौस की एक रिश्तेदार खुशबून तारा की पहचान गोरख से हुई और दोनों में प्यार हो गया. इसके बाद फिरदौस का खून खौल उठा. जिसका फायदा प्रियंका ने उठाया और अपने प्रेमी बिट्टू और फिरदौस को आपस में मिलाया और गोरख की हत्या की साजिश रचने लगी.
लखनऊ में दो बार किया हमला
2019 में प्रियंका गोरख को चारबाग ले गई. जहां पहले से मौजूद फिरदौस व बिट्टू ने गोरख पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई. लेकिन, गोरख सिर्फ अपाहिज होकर रह गया. 2022 को एक बार फिर प्रियंका ने फिरदौस व बिट्टू को जोड़ा और फुलप्रूफ प्लानिंग किया. जिसे फिरदौस व बिट्टू ने 25 जून 2022 की दोपहर बिहार पुलिस की वर्दी में दो अन्य शूटरों के साथ लखनऊ में कैंट थाना के नीलमथा में रहने वाले अपराधी वीरेंद्र उर्फ गोरख को गोलियों से भून दिया.
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