दिल्ली-मेरठ रूट पर जल्द ही रैपिड रेल की शुरुआत होने वाली है. लोगों को इसका बेसब्री से इंतजार है. इस बीच दिल्ली-एसएनबी और दिल्ली-पानीपत रूट पर भी रैपिड रेल की प्लानिंग चल रही है.हरियाणा सरकार ने दिल्ली-एसएनबी और दिल्ली-पानीपत रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. सोमवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इन परियोजनाओं की मंजूरी अब भारत सरकार के पास विचाराधीन है.
दिल्ली-एसएनबी (राजस्थान सीमा) रैपिड ट्रांजिट सिस्टम
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में हुई आरआरटीएस बैठक में अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली-गुरुग्राम-शाहजहांपुर-नीमराना-बेहरोर (एसएनबी)-अलवर आरआरटीएस कॉरिडोर में 107 किमी लंबा अलाइनमेंट होगा. जिसमें 70 किमी एलिवेटेड होगा और बचा हुआ 37 किमी अंडग्राउंड होगा. इसमें 6 अंडरग्राउंड, 9 एलिवेटेड और 1 at-grade स्टेशन होगा. इसके साथ ही धारूहेड़ा में एक डिपो की योजना है.
तीन राज्यों से गुजरने वाले कॉरिडोर की लंबाई दिल्ली में 23 किमी, हरियाणा में 83 किमी और राजस्थान 2 किमी होगी. प्रस्तावित अलायनमेंट का एलिवेटेड हिस्सा पुरानी दिल्ली-गुरुग्राम, गुरुग्राम में सेक्टर 17 के राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) और एसएनबी (राजस्थान सीमा) तक एनएच-40, 48 के बीच होगा. दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान राज्यों ने परियोजना को मंजूरी दे दी है और अब ये मंजूरी भारत सरकार के विचाराधीन है.
कहां-कहां होंगे दिल्ली-एसएनबी रैपिड रेल के स्टेशन
दिल्ली-एसएनबी कॉरिडोर के प्रस्तावित स्टेशनों में सराय काले खां, आईएनए, मुनिरका, एरोसिटी, उद्योग विहार, सेक्टर-17, राजीव चौक, खेरकी दौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारूहेड़ा, एमबीआईआर, रेवाड़ी, बावल और एसएनबी शामिल हैं.
दिल्ली-पानीपत रूट पर भी रैपिड ट्रांजिट सिस्टम
वहीं, 103 किमी लंबे दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस कॉरिडोर की 11.5 किमी लंबाई एलिवेटेड और 91.5 किमी अंडरग्राउंड होगी. इसमें 2 भूमिगत, 14 एलिवेटेड और 2 at grade स्टेशन हैं. मुरथल और पानीपत में दो डिपो की योजना है. दिल्ली में इसकी लम्बाई 36.2 किमी जबकि हरियाणा में 66.8 किमी होगी.
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) भारत सरकार और दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की भाग लेने वाली राज्य सरकारों की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है और यह आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है. एनसीआरटीसी को एनसीआर शहरों में आरामदायक और गति प्रदान करने और परिवहन मांग की वृद्धि को पूरा करने के लिए एनसीआर में क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजनाओं के डिजाइन, विकास, कार्यान्वयन, वित्तपोषण, संचालन और रख-रखाव के लिए अनिवार्य किया गया है.
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