रामपुर (रवि शंकर): समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) सरकार में रामपुर (Rampur) के पुलिस उपाधीक्षक नगर रहे आले हसन खान (Hasan Khan) के विरुद्ध आजम खान (Azam Khan) की जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन लेने के लिए किसानों को मारने पीटने प्रताड़ित करने और जबरदस्ती जमीन मिलाने के 27 मामले रामपुर के विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट में विचाराधीन हैं।अदालत में सुनवाई के दौरान लगातार गैरहाजिर रहने पर पुलिस ने एनबीडब्ल्यू की तामील कराते हुए उन्हें 7 मई को अदालत में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। अब उनकी सुनवाई के दौरान 18 मामलों में आले हसन का जमानत पत्र विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल से खारिज हो चुका है, शेष 9 मामलों में सुनवाई के लिए दिनांक 22 मई की तिथि नियत है।
इस मामले पर अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि, वर्ष 2019 में थाना अजीम नगर में वहां के किसानों ने मुकदमा पंजीकृत कराया था। आले हसन खान और मोहम्मद आजम खान और उनके सहयोगियों के विरुद्ध, जिसमें पुलिस ने विवेचना करके 30 मामलों में आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रेषित किया था। उसमें आले हसन वांछित थे और लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे थे। पत्रावली हाजिरी में थी और 2 मामलों में एनबीडब्ल्यू जारी था क्राइम नंबर 254 और 261 में, जिसमें पुलिस ने 7 तारीख को गिरफ्तार करके आले हसन को जिला कारागार में निरुद्ध किया था और उसके बाद आले हसन के अधिवक्ता द्वारा शेष मुकदमों में तलब कर वारंट बनाने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था।
अमरनाथ तिवारी ने बताया कि, उसके बाद जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया, जिसमें मेरे द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र पर विरोध किया गया था, 18 मामलों में आले हसन का जमानत पत्र विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल से खारिज हो चुका है। शेष 9 मामलों में दिनांक 22 मई की तिथि नियत है। अब तक 18 मामलों में जमानत खारिज हो चुकी है। इनके ऊपर 389, 386, 420, 120बी, 323, 342, 447, आईपीसी 504, 506 का चार्ज था कि, इन्होंने किसानों को बुला करके और कमरे में बंद करके और जबरदस्ती जमीन मिलाने के लिए प्रताड़ित किया मारा-पीटा और जमीन को मिला लिया।
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