कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना से बरामद तमाम हथियार को फोरेंसिक लैब में जांच को भेजा जाएगा। फोरेंसिक रिपोर्ट को मुकदमे में शामिल किया जाएगा। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी भेजा जाएगा।राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में मेरठ पुलिस से रिपोर्ट तलब की है। दुजाना एनकाउंटर में क्राइम ब्रांच ने भी विवेचना शुरू कर दी है। मजिस्ट्रियल जांच भी शुरू हो गई है।
कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना को मेरठ एसटीएफ ने 4 मई की दोपहर जानी गंगनहर पर भोला झाल के पास मुठभेड़ में ढेर किया था। अनिल दुजाना वेस्ट यूपी का दुर्दांत अपराधी था और दर्जनों बड़े गैंग और अपराधियों से उसका कनेक्शन था। अनिल दुजाना सुपारी किलर था और रंगदारी वसूलने का काम करता था।
दुजाना गैंग के पास एके-47 जैसे घातक हथियार का जखीरा था। दुजाना 4 मई को बागपत से मुजफ्फरनगर अपने साथियों के पास जा रहा था और मेरठ के जानी में एसटीएफ ने उसे घेर लिया था। गोलीबारी में दुजाना ढेर हुआ। दुजाना से पुलिस ने .32 बोर एक कंट्री मेड और इसी बोर की एक फैक्ट्री मेड पिस्टल बरामद की थी। 30 बोर की एक पिस्टल फैक्ट्री मेड बरामद की गई। एक तमंचा और दर्जनों कारतूस मिले थे। इन सभी हथियारों को पुलिस ने मालखाने में रखवाया था। पुलिस अब इन सभी हथियारों को फोरेंसिक जांच के लिए लैब भेज रही है। इस रिपोर्ट को मुकदमे में शामिल किया जाएगा। यह भी पता किया जाएगा कि फैक्ट्रीमेड हथियार दुजाना के पास कहां से आए हैं।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तलब की रिपोर्ट
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दुजाना एनकाउंटर में मेरठ पुलिस से रिपोर्ट तलब की है। घटनास्थल पर बरामद हुए हथियार, मिट्टी के नमूने समेत तमाम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच रिपोर्ट मांगी गई है। इस मामले में दो दिन पहले ही मजिस्ट्रियल जांच भी शुरू हो गई है।
ये किया बरामद
1. एक फैक्ट्रीमेड पिस्टल - .32 बोर
2. एक कंट्रीमेड पिस्टल - .32 बोर
3. एक फैक्ट्रीमेड पिस्टल - 30 बोर
4. एक तमंचा - 315 बोर
5. 35 जिंदा कारतूस - 30 बोर
6. 23 कारतूस - .32 बोर
7. 21 खोखे और कारतूस - 315 और .32 बोर
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