पुलिस की मनमानी रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए थे। इसी कड़ी में जिले के सभी थानों को भी सीसीटीवी कैमरों से लैस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।हाई रेजोल्यूशन के आईपी बेस्ड कैमरे लगाने में 2.16 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। कैमरों की खरीदारी के लिए एडीजी मेरठ जोन के नेतृत्व में कमेटी गठित की गई है। पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र ने बताया कि थाना पुलिस के ऊपर अकसर जनसुनवाई में लापरवाही, थर्ड डिग्री या अवैध हिरासत में रखने का आरोप लगता है। ऐसी स्थिति को दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने थानों को सीसीटीवी कैमरों से लैस करने के लिए निर्देश दिए थे।
इसी क्रम में करीब तीन सप्ताह पहले मुख्यमंत्री स्तर से प्रदेश के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए थे। आदेश के अनुपालन में गाजियाबाद कमिश्नरेट के सभी थानों को सीसीटीवी कैमरों से लैस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एएचटीयू तथा महिला थाना समेत कमिश्नरेट के सभी 26 थानों के लिए 2.16 करोड़ रुपये से सीसीटीवी कैमरे खरीदे जाएंगे। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर परचेजिंग कमेटी गठित करने जैसी औपचारिकताएं लगभग पूरी कर ली गई हैं।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि सवा करोड़ तक की खरादारी में आईजी स्तर के नेतृत्व में परचेजिंग कमेटी बनती है। गाजियाबाद कमिश्नरेट में 2.16 करोड़ की लागत से कैमरों की खरीद होने के चलते एडीजी मेरठ की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। कैमरों की खरीदारी के लिए मंगलवार को मेरठ में मीटिंग हुई थी। इसके बाद एडीजी मेरठ गाजियाबाद भी आए थे। जल्द कैमरे खरीद लिए जाएंगे।
सर्किल मुख्यालय के थानों में छह कैमरे लगेंगे
पुलिस आयुक्त ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए थानों को दो कैटेगरी में बांटा गया है। सर्किल मुख्यालय के थानों में छह-छह कैमरे लगेंगे, जबकि अन्य थानों में पांच-पांच सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसी तरह 11 थानों में छह-छह कैमरे लगेंगे तथा 15 थानों में पांच-पांच कैमरे लगेंगे। कैमरे थाने के प्रवेश द्वारा, मुंशी कार्यालय, हवालात तथा अन्य जरूरी स्थानों पर लगेंगे, ताकि थाने की हर गतिविधि उनमें कैद मिल सके।
केंद्रीकृत प्रणाली के तहत संचालित होंगे
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कुछ थानों में सीसीटीवी कैमरे लगें हैं तो वह चालू हालत में नहीं हैं। उनका कंट्रोल भी थाना स्तर पर है। सभी थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर उनका कंट्रोल कंद्रीकृत प्रणाली के तहत एक ही स्थान पर होगा। ऐसे में कैमरे खराब होने या रिकॉर्डिंग चालू न होने जैसे बहाने भी पुलिस नहीं बना सकेगी। नए सीसीटीवी कैमरे हाई रेजोल्यूश और नाइट विजन के होंगे। यह आईपी बेस्ड होंगे। अधिकारी उनका लिंक लेकर मोबाइल पर भी थानों की गतिविधि देख सकेंगे
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