आखिरकार 29 साल से चला आ रहा मिथक भाजपा के महापौर प्रत्याशी जीत के साथ टूटने जा रहा है। भाजपा जीत की ओर अग्रसर है। 91 हजार से अधिक की लीड है।मिथक था कि यूपी में जिस राजनैतिक दल की सरकार होती है, उस दल का मेरठ नगर निगम में महापौर नहीं बनता है। यह मिथक नगर पालिका से नगर निगम बनने के बाद 1995 में हुए चुनाव से चला आ रहा है।
शनिवार को भाजपा प्रत्याशी हरिकांत अहलूवालिया 179043 वोट मिल चुके हैं। 91, 190 वोट से आगे हैं। प्रतिद्वंदी ए आई एम आई एम से महापौर प्रत्याशी अनस 87853 वोट के साथ पीछे चल रहें हैं।
बता दे कि 2017 में यूपी में योगी आदित्यनाथ की बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार थी। तब यहां से बसपा की महापौर सुनीता वर्मा जीती थीं और सत्ताधारी भाजपा की कांता कर्दम हारी थीं। 1995 में बसपा से प्रत्याशी अयूब अंसारी जीते थे तब यूपी में तब सपा की सरकार थी। 2000 में बसपा के हाजी शाहिद अखलाक महापौर बने थे तब यूपी में भाजपा के राजनाथ सिंह की अगुआई वाली सरकार थी। 2006 में भाजपा की मधु गुर्जर महापौर बनीं। तब बसपा की सरकार थी। 2012 में भाजपा के हरिकांत अहलूवालिया महापौर बने थे, तब सपा की सरकार थी।
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