इमरान को हिंसा मामले में दो जून तक अंतरिम जमानत मिल गई है. इसके अलावा दो अन्य केस में भी इमरान को संभावित एक्शन के पहले राहत मिली है.
इमरान खान को 9 मई इस्लामाबाद हाई कोर्ट से अल कादिर ट्रस्ट मामले में पाक रेंजर्स की टीम ने गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद इमरान के समर्थकों ने पूरे देश में व्यापक रूप से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. इस दौरान देश के प्रमुख शहरों में सेना को निशाना बनाते हुए हमला किया गया था.
आर्मी एक्ट के तहत मुकदमा
इमरान खान के समर्थकों ने जिस तरह से पूरे देश में आतंक पैदा करने की कोशिश कि उसके लिए सरकार ने इमरान खान को जिम्मेदार ठहराया गया. इसके बाद पाकिस्तानी सरकार ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) चीफ पर आतंकवाद फैलाने के जुर्म में लाहौर के एंटी टेररिज्म कोर्ट में केस दर्ज किया गया था.
इमरान खान पर हिंसा को भड़काने और दहशतगर्दों को सहायता पहुंचाने का इल्जाम लगाया था. विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों ने देश को लगभग 25 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया था. कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया, जिस पर सेना के अनुरोध पर सरकार ने आर्मी एक्ट के तहत मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी.
सरकार के तरफ से कि गई साजिश- इमरान खान
हालांकि, इमरान खान लगातार अपने ऊपर लगाए आरोपों को मौजूदा सरकार के तरफ से कि गई साजिश बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये पूरी तरह से पीएम शहबाज शरीफ और सेना का प्लान है.
इमरान खान ने कहा कि सरकार में बैठे लोगों को संवेदनशीलता के साथ सोचना चाहिए. वरना वो दिन दूर नहीं जब देश के हालात पूर्वी पाकिस्तान जैसे हो जाएंगे. देश की सेना पर बयान देते हुए कहा कि मैं सेना की निंदा करता हूं तो ऐसा लगता है जैसे मैं अपने बच्चों की आलोचना कर रहा हूं.
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