लोनी में छापे जा रहे थे नकली नोट स्पेशल सेल ने दबोचा।
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल (Special Cell) ने लोनी (Loni), गाजियाबाद (Ghaziabad) में नकली नोट (Fake Note) छापने का प्रिंटिंग सेटअप पकड़ा है।इस सिलसिले में एक शख्स को भी गिरफ्तार किया गया है। इसके पास से 6,71,500 रुपये के जाली नोट बरामद हुए हैं। वहीं, पांच करोड़ मूल्य के नकली नोट छापने का रॉ-मैटेरियल बरामद हुआ है।
डीसीपी राजीव रंजन सिंह के अनुसार, एसीपी ललित मोहन नेगी और हृदय भूषण की देखरेख में इंस्पेक्टर विनय पाल और अरविंद सिंह के नेतृत्व वाली टीम ने इस नकली नोट छापने की यूनिट का पर्दाफाश किया है। गिरफ्तार किए गए शख्स का नाम प्रशांत उर्फ विराट है। बरामद हुए नकली नोट में 2000, 500 और 200 के नोट शामिल हैं। आरोपी इससे पहले गाजियाबाद और मेरठ में जाली नोट के दो मामलों में शामिल रहा है।
हाल ही में सूचना मिली थी कि प्रशांत लोनी द्वारा जाली नोट छापने का धंधा किया जा रहा है। इसके बाद उसकी गतिविधियों पर नजर रखने और अवैध सेटअप का पता लगाने के प्रयास किए गए। 8 मई को महात्मा गांधी रोड, इंद्रप्रस्थ पार्क, दिल्ली पर नकली नोटों की डिलीवरी का पता चला। नतीजतन, एक जाल बिछाया गया और देर शाम प्रशांत कुमार पुत्र पदम लाल निवासी त्रिशूर, ग्रेटर चेन्नई, तमिलनाडु को पकड़ लिया गया।आरोपी व्यक्ति से पूछताछ करने पर पता चला कि वह 100 रुपये का एक जाली नोट 30 रुपये की दर से बेचता था। इसने लोनी में किराए पर जगह लेकर जाली नोट छापने का सेटअप लगाया था। आरोपी के परिवार में माता, पिता और एक बहन है। वह 10वीं कक्षा पास नहीं कर सका था और एसी मरम्मत का काम करता था। 2013 में वह दिल्ली आया और कार एसी मैकेनिक के रूप में काम करना शुरू कर दिया। 2015 में गाजियाबाद की सिहानी गेट पुलिस द्वारा उसे चोरी की मोटरसाइकिल के साथ पकड़ा गया और जेल भेज दिया था। जेल में रहने के दौरान उसकी मुलाकात अमित नाम के जाली नोट छापने वाले शख्स से हुई थी। उससे नकली नोट छापने की प्रक्रिया सीखी और जेल से बाहर आने के बाद, उन्होंने रंगीन फोटोकॉपी मशीन का उपयोग करके नकली भारतीय मुद्रा को छापना शुरू कर दिया।
2018 में वह गाजियाबाद के कवि नगर इलाके में एक बाजार में नकली नोटों का उपयोग कर रहा था। उसी समय पुलिस ने इसे पकड़ा था। उसके घर से 2.5 लाख रुपये बरामद हुए थे। इस संबंध में कवि नगर गाजियाबाद में केस दर्ज किया गया था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि 2020 की शुरुआत में जेल से बाहर आने के बाद उसने फिर से नकली भारतीय नोट छापने शुरू कर दिए। हालांकि, उसे फिर से मेरठ पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। उस समय भी उसके पास से 2.5 लाख रुपये बरामद किए गए थे।
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