Cyber Fraud Without OTP: ओटीपी और सीवीवी या फिर बैंक की अन्य डिटेल्स लेकर ठगी का मामला आपने कई बार सुना होगा, लेकिन अब एक नए तरीके से ठगी शुरू हो चुकी है.
पिछले कुछ समय से ऐसे कई मामले आ चुके हैं. साइबर अपराधी सिलिकॉन के फिंगरप्रिंट बना रहे हैं और उनके आधार नंबर और उनके डुप्लीकेट फिंगरप्रिंट से बायोमेट्रिक मशीनें और एटीएम ऑपरेट किए जा रहे हैं. लोगों के अकाउंट से लाखों रुपये तक गायब हो चुके हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही मामले, जिनमें लाखों रुपये की ठगी कर ली गई.
ठगी के कुछ मामले
एक फेमस यूट्यूबर पुष्पेंद्र सिंह की मां के अकाउंट से पैसे निकाले गए थे. यूट्यूबर ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया कि उनकी मां के अकाउंट से बिना किसी टू-फैक्टर ऑथेंटिफ़िकेशन के पैसे निकाल लिए गए थे. उन्होंने कहा कि बैंक की ओर से मैसेज आदि का अलर्ट भी नहीं आया और जब पासबुक अपडेट करवाई तब जाकर ठगी का पता चला. यह ठगी आधार लिंक्ड फिंगरप्रिंट के जरिए हुआ.
इसी साल जनवरी में हरियाणा के गुरुग्राम में एक ऐसा ही मामला दर्ज किया गया था. एक व्यक्ति के फिंगरप्रिंट्स की मदद से उसके अकाउंट से पैसे निकाल लिए गए. हालांकि ठगी का पता चलने पर आधार ऐप का इस्तेमाल करके बायोमैट्रिक को लॉक कर दिया. वहीं साल 2022 में एक ऐसा ही मामला सामने आया था.
कैसे की जाती है ठगी
आधार इनेबल पेमेंट सर्विस AePS की मदद से सिर्फ आधार कार्ड और फिंगप्रिंट से ग्रामीण इलाकों और कस्बों में ज्यादातर लोग पैसों की निकासी कर रहे हैं. NPCI यानी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया के मुताबिक, आधार इनेबल पेमेंट सर्विस से पैसा निकालने के लिए आपको किसी तरह की अन्य जानकारी देने की आवश्यकता नहीं होती है. सिर्फ आधार नंबर और फिंगरप्रिंट की मदद से आपके अकाउंट से पैसे निकाल दिया जाता है. इसके बदले में ग्राहक सेवा संचालक आपसे कुछ पैसे का कमीशन लेता है.
AePS की मदद से सिर्फ पैसा निकालना ही नहीं, जमा करना, अकाउंट डिटेल चेक करना आदि काम कर सकते हैं. AePS को अलग से एक्टिव करने की आवश्यकता नहीं होती है. अगर आपने अकाउंट नंबर को आधार से लिंक्ड किया है तो आपके अकाउंट पर AePS सिस्टम इनेबल है. यानी आप इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं.
बायोमैट्रिक जानकारी कैसे हासिल करते हैं ठग
UIDAI ने अक्सर अपनी बात रखते हुए कहा है कि आधार से कोई डेटा लीक नहीं हुआ और बायोमैट्रिक इनफार्मेशन के अलावा सभी आधार डेटा सुरक्षित रहता है. द हिंदू से बातचीत के दौरान साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट रक्षित टंडन ने कहा कि लोगों के आधार नंबर आसानी से फोटोकॉपीज, सॉफ्टकॉपीज, इंटरनेट पर उपलब्ध हैं. साइबर अपराधी लोगों की बायोमैट्रिक इंफॉर्मेशन निकालने के लिए AePS का भी इस्तेमाल करते हैं. पैसा निकालने के लिए सिलिकॉन का इस्तेमाल करके AePS की मशीनों के साथ धोखाधड़ी करते हैं.
कैसे कर सकते हैं बचाव
अगर आप इस ठगी से बचना चाहते हैं तो आप अपने आधार को लॉक करके रखें और जरूरत पड़ने पर इसे अनलॉक करके इस्तेमाल करें. डेटा लीक भी हो गया होगा तो भी लॉक करने पर कोई आपके आधार नंबर का गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. वहीं मास्क आधार का भी उपयोग करके ठगी से बचा जा सकता है.
एक टिप्पणी भेजें