शुक्रवार, 19 मई 2023
डांग और वांसदा तालुका पहाड़ी क्षेत्र विवाह में फल-फूल रहा है। जहां समाज में एक-दूसरे के दिखावे में शादी पर भारी खर्च किया जा रहा है, वहीं उस समाज के लगभग कई परिवार ऐसे भी हैं, जो शादी के दौरान दस लाख रुपये से ज्यादा खर्च करते हैं। दिखावे के कारण छोटे परिवार भी शादी के खर्च में डूब रहे हैं। शादियों में फोटोग्राफी के ठेलों के पीछे लोगों को खूब पैसा खर्च कर मंडप दिखाया जा रहा है, लेकिन बड़े लोगों की वजह से छोटे परिवार के लोग अब कर्ज में डूबकर पैसा खर्च कर रहे हैं। जिसमें लोगों को एक भव्य शादी में काफी खर्च करना पड़ता है।
जिसमें भारी भरकम खर्च होने के कारण लोग शादी में दस लाख से अधिक खर्च कर देते हैं और आने वाली पीढ़ियां कर्ज में डूब जाती हैं। शादी में बहुत पैसा खर्च करने वाले लोग कर्ज में डूब जाते हैं। शादियों में अमीर लोगों के खर्च के कारण लोग भव्य शादियों में बहुत पैसा खर्च करते हैं, जबकि निम्न वर्ग के लोगों की शादी के अवसरों पर दस लाख से अधिक की उपस्थिति में भी दस लाख से अधिक की घटनाएं हुई हैं। जिन लोगों को कर्ज से बाहर निकलने में बहुत कठिनाई होती है और जिसमें वे देवदार बन जाते हैं जिन लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
हम एक ऐसी काल्पनिक शादी का चित्रण मन में करते हैं, जिसमें कुतर्क भी कैसे-कैसे देते हैं, जैसे- (1) शादी में ही मजे नहीं करेंगे तो कब करेंगे? शादी के नाम पर ही तो हम भी अपने बच्चें का लाड़, प्यार, करेंगे, मोज मस्ती नाचेंगे, कुदेगें, चाहें शादी का खर्चाअनावश्यक ही क्यो न हो, यह मौका भी तो कभी कभी ही आता है। (2) मिलने वालों को शादी में नहीं बुलायेंगे तो, कब बुलायेंगे? हमने भी तो उनकी शादी में मज़े किए हैं। (3) लोग क्या कहेंगे साहब? लोग कौन? ये लोग तब क्या कहेंगे, जब आप शादी में किये खर्च के कारण कर्ज में डूब जायेंगे? (4) शादी तो बस ऐसी हो कि न कभी किसी की हुई और न होगी। लोग हमेशा उसे याद रखें।
नाच, गाना, खाना बढ़िया हो, सजावट अच्छी हो, दुल्हन-दूल्हा सुंदर और स्मार्ट हों। दुल्हन और दूल्हे के जेवर, कपड़े, बड़े ब्रांड और मशहूर डिजाइनर्स ने बनाए हों। (5) वेन्यू शहर का सबसे बड़ा फाइव स्टार या किसी मशहूर आदमी का फार्म हाउस या किसी एम.पी. की कोठी हो तो सोने में सुहागा। (6) शादी में परोसे जाने वाले व्यंजन भी एक से बढ़कर एक होंगे। हो सकता है कि भारत भर से मशहूर खाने-पीने की चीजों को परोसा जाए। ऐसी शादी में सभी जाने-माने नेता, अभिनेता, उद्योगपति न हों, ऐसा कैसे हो सकता है।जब हमारे समाज का या जाति का एक धनी व्यक्ति पाँच हजार व्यक्तियों को शादी में बुला रहा है
,तो गये-गुजरे व्यक्ति को दो सौ-पाँच सौ तो बुलाने ही पड़ेंगे। बिल्ली के लिए तो मजाक था, पर चूहे की तो जान निकल आयी। पिछले 20-30 वर्षों में जैसे-जैसे कुछ लोग धन हथियाने में कामयाब हुए हैं, शादी जैसे पवित्र एवं पारिवारिक समारोह का उन्होंने सत्यानाश कर दिया है।यद्यपि शादी हिन्दू समाज की तहजीब का हिस्सा है, फिर भी कानून के माध्यम से इसके खर्चो पर लगाम लगाना बहुत अनीवार्य हैं।
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