रविवार, 21 मई 2023
पटना: बिहार में पटना के गांधी मैदान में लगभग दस साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में एसटीएफ की टीम ने एक आरोपी मेहरे आलम को गिरफ्तार किया है।
इसकी गिरफ्तारी दरभंगा के अशोक पेपर मिल थानान्तर्गत सिंधौली गांव में शनिवार देर रात की गई। मेहरे आलम की लंबे समय से तलाश चल रही थी। मेहरे आलम एनआईए को चकमा देकर फरार हो गया था।
बताया जाता है कि मेहरे आलम के खिलाफ मुजफ्फरपुर के नगर थाना में 30 अक्टूबर 2013 को कांड संख्या 612/13 किया था। तब से वह फरार चल रहा था। उस मामले की जांच कर रही एनआईए ने मेहरे आलम को बम ब्लास्ट कांड में आरोपी बनाया था। इस मामले में एनआईए की टीम ने पूर्व में मेहरे आलम को बतौर गवाह बनाकर अपने साथ ले गई थी और उसकी निशानदेही पर एनआईए ने 29 अक्टूबर 2013 को मुजफ्फरपुर के मीरपुर में छापेमारी की थी।
छापेमारी के बाद एनआईए की पूरी टीम मेहरे को लेकर मुजफ्फरपुर लौट गई थी। यहां के सिद्धार्थ लॉज में पूरी टीम मेहरे को लेकर ठहरी थी। इसी बीच मेहरे ने टीम को चकमा देकर फरार हो गया था। वहीं, इस मामले में पहले से गिरफ्तार आरोपियों को सजा सुनाई जा चुकी है। बता दें कि 27 अक्टूबर, 2013 को गांधी मैदान के सभा स्थल सहित पटना जंक्शन पर बम ब्लास्ट हुआ था।
इसमें छह लोगों की मौत हुई थी और लगभग 82 लोग घायल हुए थे। एनआईए ने मेहरे आलम को भी बम ब्लास्ट कांड में आरोपी बनाया था। मेहरे आलम दरभंगा जिले के अशोक पेपर मिल थानाक्षेत्र के सिधौली का रहने वाला है। इस संबंध में थानाध्यक्ष शिव कुमार यादव ने बताया कि आरोपी को एसटीएफ की टीम पूछताछ के लिए अपने साथ लेकर गई है।
सूत्रों की मानें तो मेहरे आलम गांधी मैदान और पटना जंक्शन पर हुए बम ब्लास्ट के आरोपी मोनू का करीबी है। मोनू समस्तीपुर जिले का रहने वाला था और दरभंगा में रहकर पॉलिटेक्निक की पढ़ाई करता था। उसी क्रम में उर्दू स्थित एक पुस्तकालय में मेहरे आलम की मोनू से मुलाकात हुई थी। जिसके बाद दोनों के बीच नजदीकी बढ़ती गई।
एक टिप्पणी भेजें