शमसाबाद ब्लाक के विद्यालय में शिक्षक पर छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली छात्राओं के मामले में पुलिस पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगा है। पीड़ित छात्राओं के शुक्रवार को न्यायालय में बयान दर्ज कराने कराने पहुंची।आरोप है कि पुलिस ने गुरुवार की रात को इन छात्राओं के स्वजन से कहा कि वह उन्हें अपने साथ बयान दर्ज कराने लेकर पहुंचे। पुलिसकर्मी उन्हें वहां पर मिलेंगे। छात्राएं शमसाबाद से ग्राम प्रधान के निजी वाहन से दीवानी पहुंची। वहीं, पुलिस का कहना है कि छात्राओं के साथ महिला पुलिसकर्मी भी सादे कपड़ों में आई थीं। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है। उनका कहना है कि छात्राओं को पुलिस को अपनी सुरक्षा में लेकर बयान दर्ज कराने जाना चाहिए था।आरोपित शिक्षक द्वारा छात्राओं के स्वजन पर राजीनामा का दबाव बनाया जा रहा है।ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे में छात्राओं के साथ रास्ते में कोई अनहोनी हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।उनका आरोप है कि दीवानी परिसर के बाहर एक अपरिचित व्यक्ति ने छात्राओं और उनके स्वजन के पास पहुंचने का प्रयास किया। स्वजन ने उससे पूछताछ की तो संदिग्ध वहां से गायब हो गया।छात्राओं की सुरक्षा में लापरवाही की जानकारी होने पर बाल अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि यह छात्राओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस की लापरवाही है।उसे छात्राओं को निजी वाहन की जगह अपने साथ सुरक्षा में लेकर आना चाहिए था। पूरे मामले में पुलिस का रवैया अच्छा नहीं है। वहीं, मामले में एसीपी सौरभ सिंह ने बताया कि छात्राओं को पुलिस की सुरक्षा में लाया गया है। महिला पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में उनके साथ थीं।
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