पुलिस की स्पेशल सेल ने दस सालों में 4000 से ज्यादा गाड़ियों के इंजन और चेसिस नंबर बदलकर बेचने वाले बदमाश को गिरफ्तार किया है। आरोपी उत्तर भारत के कुख्यात वाहन चोर मनोज बक्करवाला का करीबी है।पुलिस ने एक मामले में इसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था। आरोपी की पहचान समर गार्डन, मेरठ निवासी 40 वर्षीय शमीम उर्फ पिल्ला के रूप में हुई है। आरोपी के लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गिरोह से भी तार जुड़े हुए हैं। गिरोह के एक सदस्य के भाई को सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने रखा था 25 हजार का इनाम
स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त इंगित प्रताप सिंह ने बताया कि टीम ने अप्रैल में 25 हजार के इनामी बदमाश कमल को गिरफ्तार किया था। इसने पूछताछ के दौरान बताया कि वह सहयोगियों के साथ 800 से ज्यादा फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट बनवा चुका है। कमल से पूछताछ और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से टीम को पता चला कि सहयोगी शमीम संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर, समयपुर बादली में आने वाला है। सूचना के बाद आरोपी को दबोच लिया गया। शमीम ने बताया कि वह मनोज बक्करवाला और मेरठ के नवाब जैसे वाहन चोर गिरोह के लिए काम करता है। इनकी मदद से चोरी के वाहन अलग-अलग राज्यों में अपराधियों को बेच दिए जाते थे।
बहादुरगढ़ पुलिस कर रही थी तलाश
पुलिस ने आरोपी शमीम के पास से तमंचा और इंजन व चेसिस नंबर बदलने के औजार बरामद किए हैं। स्पेशल सेल ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उससे पूछताछ शुरू की। बहादुरगढ़ की सदर थाना पुलिस ने मनोज बक्करवाला समेत इस गिरोह से जुड़े छह लोगों को गिरफ्तार किया था। उस समय शमीम भागने में कामयाब हो गया था। गिरोह के लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ सिंडिकेट से भी तार जुड़े हुए थे। छह आरोपियों में गिरफ्तार आरोपी चिराग उर्फ कालू का भाई सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में शामिल रहा था।
गूगल पर अपना नंबर डालकर ठगी, ओडिशा से दबोचा गया
यदि आप गूगल की मदद से किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर नंबर ढूंढते हैं तो जरा सावधान हो जाएं। कहीं ऐसा न हो कि कंपनी का नंबर ढूंढते-ढूंढते आप ठगों के जाल में फंस जाएं। द्वारका जिला के साइबर थाना पुलिस ने एक ऐसे ही गैंग के सदस्य को ओडिशा से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान दिलीप कुमार जेना 23 वर्षीय के रूप में हुई है। आरोपियों ने गूगल पर मोबीक्विक और पेटीएम का फर्जी कस्टमर केयर नंबर डाला हुआ था। कोई भी गूगल की मदद से इनका नंबर ढूंढता तो आरोपियों का नंबर मिलता। जैसे ही पीड़ित कॉल करते तो आरोपी खुद को कंपनी का अधिकारी बताकर विश्वास में लेकर व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजकर रकम उड़ा लेते थे।
द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त एम. हर्षवर्धन ने बताया कि 12 अप्रैल को द्वारका साइबर थाने में शिकायत मिली थी। पीड़ित ने बताया कि उन्होंने 11 अप्रैल को मोबीक्विक का कस्टमर केयर नंबर गूगल की मदद से लिया था। वहां कॉल करने पर आरोपियों ने एक लिंक भेजा। बाद में उनके दो बैंक खातों से दो लाख रुपये निकाल लिए गए। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि ठगी की रकम दो अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की गई थी।
एक लाख रुपये एचडीएफसी बैंक में ट्रांसफर किए गए थे। पुलिस ने उस खाते की जानकारी जुटाई तो पता चला कि खाता ओडिशा में किसी दिलीप कुमार का है। एक टीम को तुरंत बालेश्वर जिला, ओडिशा भेजकर दिलीप को दबोच लिया गया। उसके पास से वारदात में इस्तेमाल मोबाइल भी बरामद किया गया। दिलीप ने बताया कि वह निरंजन नेता उर्फ मुन्ना के साथ मिलकर ठगी कर रहा था।
एक टिप्पणी भेजें