नई दिल्ली: पूर्व भारतीय क्रिकेटर और भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने हिंदी अखबार पंजाब केसरी, उसके संपादक और पत्रकारों के खिलाफ जानबूझकर झूठे और अपमानजनक लेख प्रकाशित करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में मानहानि मुकदमा दायर कर 2 करोड़ के हर्जाने की मांग की हैमुकदमे में कहा गया है कि अखबार और उसके प्रतिनिधि 16 मई, 2022 से गंभीर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर झूठे और अपमानजनक लेख प्रकाशित कर रहे हैं। गंभीर ने प्रतिवादियों (पंजाब केसरी और अन्य प्रतिनिधियों) को अनिवार्य निषेधाज्ञा का आदेश पारित करने के लिए अदालत से निर्देश मांगा है।
वाद में कहा गया है, "मीडिया संगठन भी बिना किसी आधार के वादी (गौतम गंभीर) के निजी सचिव (पीएस) गौरव अरोड़ा के बारे में मानहानिकारक बयान प्रकाशित कर रहा है।" वाद में आगे कहा गया है कि संगठन को 2022 में 23 नवंबर को वादी के खिलाफ कोई भी मानहानिकारक प्रकाशन करने से रोकने और रोकने के लिए एक कानूनी नोटिस भी जारी किया गया था। हालांकि, अभी तक वादी द्वारा इस पर कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है। इसमें कहा गया कि गंभीर की कड़ी मेहनत की प्रतिष्ठा खतरे में है।।
मुकदमे के अनुसार, मीडिया हाउस ने जानबूझकर उनकी छवि खराब करने के लिए गलत और झूठे लेख प्रकाशित किए, जिसमें कहा गया था कि "दिल्ली के लापता सांसद लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए बने भस्मासुर।" गंभीर ने कहा है कि उनके खिलाफ बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया गया।
एक टिप्पणी भेजें