अपराधियों पर कार्रवाई और निगरानी के लिए लिसाड़ी गेट थाने को जिम्मेदारी दी है। अवैध खनन रोकने के लिए मवाना, किठौर और हस्तिनापुर थानों को जिम्मेदारी दी गई है।
हिंसा के आरोपियों को करेंगे चिह्नित
हिंसा की पूर्व की घटनाओं और इनके आरोपियों की लिस्ट बनाने के लिए सभी थानों को जिम्मेदारी दी गई है। कितने लोगों की पूर्व में गिरफ्तारी हुई और कितनों की मौत हुई यह भी रजिस्टर में रिकार्ड रहेगा।
अवैध टैक्सी और बस स्टैंड
नौचंदी में अवैध रूप से बस स्टैंड संचालित था, जिस पर मुकदमा दर्ज है। देहात के कई थानों और शहर में भी कई जगहों पर टैक्सी स्टैंड बनाकर वाहन संचालित किए जा रहे हैं। इन पर कार्रवाई को कहा गया है।
देहली गेट और कोतवाली में सर्वाधिक धर्मस्थल
देहली गेट और कोतवाली में शहर के सबसे ज्यादा धर्मस्थल हैं। दोनों ही इलाके मिश्रित आबादी के और संवेदनशील हैं। इन दोनों थानों को व्यवस्था बनाने, हर धर्मस्थल का नक्शा और गूगल लोकेशन अपलोड कराने को कहा गया है। बकरीद पर व्यवस्था बनाने के लिए रेलवे रोड थाने को जिम्मेदारी मिली है।
लिसाड़ी गेट को सबसे बड़ा टास्क
लिसाड़ी गेट में सबसे ज्यादा अपराधी हैं। यहां हिस्ट्रीशीटर अपराधियों की भी संख्या ज्यादा है। बाहर के जिलों के गिरोह भी यहां स्थानीय बदमाशों के संपर्क में हैं। इस थाने को अपराधियों पर लगातार कार्रवाई की जिम्मेदारी दी है। अन्य थाने भी इसके लिए काम करेंगे। वहीं, किठौर के राधना में हथियार तस्कर हैं। किठौर इलाके में कई बड़े अपराधी हैं, जिन पर कार्रवाई के लिए किठौर को जिम्मेदारी दी गई है। सरधना संवेदनशील है, इसलिए सरधना थाने को भी टास्क दिया है।
ये हैं नौ अभियान
1. सांप्रदायिक हिंसा रोकना और आरोपियों को चिन्हित करना।
2. विवेचनाओं का निस्तारण
3. अवैध बस और टैक्सी स्टैंड
4. हिस्ट्रीशीटर और गैंगस्टर का सत्यापन
5. वांटेड अपराधियों की गिरफ्तारी
6. अवैध खनन और वसूली
7. धार्मिक स्थल और संवेदनशील स्थानों को चिन्हित करना
8. अपराधियों पर एक्शन और क्राइम कंट्रोल (लूट, हत्या, डकैती, स्नेंचिग और गौकशी)
9. बकरीद की तैयारी और सुरक्षा इंतजाम
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