गोला गोरखपुर।
जनपद में विद्युत कर्मियों की हड़ताल से गोला उपनगर स्थित ग्रामीण व तहसील विद्युत उपकेंद्र की सप्लाई बृहस्पतिवार की रात 10 बजे से ही पूरी तरह ठप है जबकि सरकार के तरफ से आदेश है कि विद्युत की कटौती को देखते हुए बाधा उत्पन्न करने वाले विद्युत कर्मचारियों के विरुद्ध एस्मा की कार्रवाई की जाएगी। गोला ग्रामीण व तहसील विद्युत उपकेंद्र पर सब स्टेशन आपरेटर के अलावा कोई भी कर्मचारी मौजूद नही है।
एस्मा कानून से संबंधित महत्त्वपूर्ण बिंदु चर्चा में क्यों
हाल ही में यूपी सरकार ने हड़ताल पर बैठे विद्युत कर्मचारियों पर एस्मा यानी एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट (essential services management act) जिसे हिंदी में ‘अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून’ कहा जाता है, लगा दिया है। जब कभी भी कर्मचारी हड़ताल पर बैठते हैं तो एस्मा भी चर्चा में आ जाता है।
क्या है एस्मा
आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने के लिये लगाया जाता है। विदित हो कि एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्य दूसरे माध्यम से सूचित किया जाता है।
एस्मा अधिकतम छह महीने के लिये लगाया जा सकता है और इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दण्डनीय है।
सरकारें क्यों लगाती हैं एस्मा
सरकारें एस्मा लगाने का फैसला इसलिये करती हैं क्योंकि हड़ताल की वजह से लोगों के लिये आवश्यक सेवाओं पर बुरा असर पड़ने की आशंका होती है। जबकि आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून यानी एस्मा वह कानून है, जो अनिवार्य सेवाओं को बनाए रखने के लिये लागू किया जाता है।
इसके तहत जिस सेवा पर एस्मा लगाया जाता है, उससे संबंधित कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते, अन्यथा हड़तालियों को छह माह तक की कैद या ढाई सौ रु. दंड अथवा दोनों हो सकते हैं।
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