रविवार, 12 मार्च 2023

कांग्रेस नेता रामलाल ठाकुर को हिमाचल हाईकोर्ट से आपराधिक मामले में क्लीन चिट मिल गई है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने रामलाल ठाकुर के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया। साथ ही अदालत ने प्राथमिकी दर्ज होने से जुड़ी आगामी आपराधिक कार्यवाही को भी निरस्त किया है। याचिकाकर्ता ने उनके खिलाफ सदर थाना शिमला में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की गुहार लगाई थी। अदालत को बताया गया
कि प्राथमिकी दर्ज होने के समय वे श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। 26 अक्तूबर 2018 को उन्होंने शिमला के सीटीओ के पास 200-300 लोगों के साथ धरना किया था। केंद्र और तत्कालीन प्रदेश भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी। याचिकाकर्ता पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने शिमला के मॉल रोड पर भीड़ जमा कर धारा 143 और 188 का उल्लंघन किया है। 13 नवंबर 2018 को याचिकाकर्ता और अन्य को औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया गया था
और जमानत पर रिहा किया गया था। मामले की जांच पूरी होने पर पुलिस ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिमला की अदालत में चालान पेश किया। याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 195 के विपरीत है। भारतीय दंड संहिता की धारा 143 और 188 तब तक दंडनीय नहीं है जब तक कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 195 के प्रावधानों पर अमल न किया गया हो।
अदालत ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन पर पाया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ लिया गया संज्ञान दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 195 के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है। अदालत ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 188
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