प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 99वें एपिसोड को संबोधित किया। इस एपिसोड में उन्होंने ऑर्गन डोनेशन पर बात की। उन्होंने दो ऐसे परिवारों से बात की, जिनके किसी सदस्य की मृत्यु के बाद उसके अंगदान किए गए। इनमें से एक परिवार पंजाब का था, जिसकी 39 दिन की बच्ची देश की सबसे कम उम्र की ऑर्गन डोनर बनी।पीएम मोदी ने इस एपिसोड में नारी शक्ति, क्लीन एनर्जी, कोरोना से सावधानी और अगल महीने होने जा रहे सौराष्ट्र-तमिल संगमम पर बात की। उन्होंने मन की बात के 100वें एपिसोड को लेकर लोगों की राय भी मांगी। उन्होंने कहा कि लोगों के विचार ही 30 अप्रैल को होने वाले 100वें मन की बात को खास बनाएंगे।
ऑर्गन डोनेशन के बारे में बात करते समय पीएम मोदी ने देश की सबसे कम उम्र की डोनर के माता-पिता से बात की। 39 दिन की उम्र में किडनी डोनेट करने वाली अबाबत के पिता सुखबीर ने बताया कि बच्ची के पैदा होते ही उन्हें पता चला कि उसके दिमाग में नाड़ियों का ऐसा गुच्छा बना हुआ है जिसकी वजह से उसके दिल का आकार बड़ा हो रहा है।पहले 24 दिन तक तो बहुत ठीक रहा बच्चा बिल्कुल नॉर्मल रहा। अचानक उसका दिल एकदम काम करना बंद हो गया। उसे हॉस्पिटल लेके गए, वहां डॉक्टरों ने उसे बचा लिया लेकिन उसे क्या दिक्कत आई, ये समझने में वक्त लगा। 39 दिन की होने पर बच्ची को दोबारा दिल का दौरा आया और इस बार डॉक्टर उसे बचा नहीं सके। तब सुखबीर और उनकी पत्नी ने बच्ची के ऑर्गन डोनेट करने का फैसला लिया, ताकि किसी और के जीवन में उजाला आ सके। डॉक्टरों ने कहा कि इतने छोटे बच्चे की सिर्फ किडनी डोनेट की जा सकती है। इसके बाद उन्होंने गुरुनानक को याद करके उसकी किडनी डोनेट की।अबाबत के माता-पिता से बात करने के बाद पीएम मोदी ने उनके इस फैसले को कई लोगों के लिए प्रेरणादायक बताया। पीएम ने कहा कि आपके इस कदम से किसी को नई जिंदगी मिली होगी। आपके हौसले को सलाम है।
पीएम मोदी ने कहा कि मेडिकल साइंस की बदौलत ऑर्गन डोनेशन किसी को जीवन देने का एक बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है। एक व्यक्ति जब ऑर्गन डोनेट करता है तो उससे 8 से 10 लोगों को नई जिंदगी मिलती है। साल 2013 में हमारे देश में ऑर्गन डोनेशन के 5 हजार से भी कम केस थे, लेकिन 2022 में ये संख्या बढ़कर 15 हजार से ज्यादा हो गई है।ऑर्गन डोनेशन करने वाले व्यक्तियों ने, उनके परिवार ने वाकई बहुत पुण्य का काम किया है। जो लोग ऑर्गन डोनेशन का इंतजार करते हैं उन्हें जब कोई अंगदान या देहदान करने वाला मिल जाता है, तो उसमें ईश्वर का स्वरूप ही नजर आता है।
गौरतलब है कि अगले महीने 30 अप्रैल को पीएम मोदी का मन की बात का 100वां ऐपिसोड होगा। भाजपा और सरकार की तरफ से इसके लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। एक लाख से अधिक बूथ पर स्क्रीन लगाकर इसे लोगों को सुनाने की योजना बनाई जा सकती है।रिपोर्ट्स की मानें तो इस कार्यक्रम को दुनिया भर में भी प्रसारित करने किया जा सकता है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ग्लोबल लीडर हैं। सभी देश प्रधानमंत्री के काम की सराहना करते हैं। लोग उन्हें सुनना चाहते हैं। हमारा मकसद है कि हम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात को अधिक से अधिक देशों में प्रसारित करें।
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