शनिवार, 25 मार्च 2023
नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार 24 मार्च को कोरोना वायरस महामारी के दौरान रिहा किए गए सभी दोषियों और विचाराधीन कैदियों को 15 दिनों के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया है । कोर्ट ने सभी दोषियों और विचाराधीन कैदियों को खुद सरेंडर करने का निर्देश दिया गया है ।
अपने निर्देश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान रिहा किए गए विचाराधीन कैदी आत्मसमर्पण के बाद सक्षम न्यायालयों के समक्ष नियमित जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं । रिपोर्ट के अनुसार , शीर्ष अदालत में जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि जिन विचाराधीन कैदियों को कोरोना महामारी के दौरान आपातकालीन जमानत पर रिहा किया गया था वे अपने सरेंडर के बाद सक्षम अदालतों के समक्ष नियमित जमानत के लिए अर्जी दाखिल कर सकते हैं ।
अदालत ने कहा कि रिहा किए गए सभी दोषी अपने आत्मसमर्पण के बा अपनी सजा को निलंबित करने के लिए सक्षम न्यायालयों में जा सकते हैं । बता दें कि , कोरोना महामारी के दौरान जेलों में भीड़ कम करने की कोशिश में कई दोषियों और विचाराधीन कैदियों को रिहा कर दिया गया था । इनमें अधिकतर गैर - संगीन अपराधों लिए बुक किए गए थे ।
विभिन्न राज्यों में शीर्ष अदालत के निर्देशों के मुताबिक , गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों पर यह कदम उठाया गया था । कई राज्यों में जेल से रिहा किए गए कैदियों के फरार होने और वापस नहीं लौटने की घटनाएं सामने आने के बाद पुलिस को नोटिस भी भेजना पड़ा था । साथ ही कई कैदियों के लाप होने की खबर भी सामने आई थी । प्रकृति की शो में बन अपने सपनों का आशियाना
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