शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2023
अविद्युतीय करण कॉलोनियों में कनेक्शन देने के नाम पर हुए करोडों के घोटाले में शिकायतों के बावजूद भी नही हुई कार्रवाई, अधिकारियों ने की खानापूर्ती।
मेरठ- मेरठ शहर के चारों ओर बड़ी बड़ी कालोनियां विकसित हो रही है जिनमें नियमानुसार डेवलपमेंट चार्ज जमा का प्रावधान है और कॉलोनी विकसित करते समय बिल्डर द्वारा उस कॉलोनी का एमडीए व विद्युत विभाग में शुल्क जमा किया जाता है तभी जाकर इन कालोनियों को विभाग द्वारा इलेक्ट्रिफाइड या यूं कहिये कि विधुतीयकृत कॉलोनी घोषित किया जाता है।
मगर बहुत से बिल्डर कॉलोनियों का जमा होने वाला शुल्क बचाने के लिए कॉलोनियों को विद्युतीयकृत नही करते है फिर इन कॉलोनियों में विद्युत कनेक्शन लेने के लिए विभाग के कर्मचारियों और कनेक्शन लेने वालों के बीच भ्रष्टाचारी का खेल शुरू होता है और विद्युत विभाग को लाखों में करोड़ों का चूना लगाया जाता है। यह खेल उन अविद्युतीयकरण कालोनियों में पूर्ण जमा योजना के तहत कनेक्शन देकर और सुविधा शुल्क वसूल कर कॉलोनियों को इलेक्ट्रीफाइड कर दिया जाता है जबकि नियमानुसार इन अविद्युतीयकरण कालोनियों में पुणे जमा योजना के तहत कनेक्शन नहीं दिया जा सकता। इन अविद्युतीयकरण कालोनियों में हो रही भ्रष्टाचारी वह सरकार व विद्युत विभाग को लगाए जा रहे करोड़ों के चूने के संबंध में सच्चाईयां समाचार पत्र द्वारा खबरें भी प्रकाशित की गई व इस संबंध में एक शिकायत अधिकारियों को दी गई मगर विद्युत विभाग के हालात इतने खराब है कि शिकायतों कि बावजूद भी उच्च अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचारियों के खिलाफ प्रमाण होने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई और आज भी हालात जस के तस है और भ्रष्टाचार की जड़ें और मजबूती के साथ जमती जा रही है और आज भी अविद्युतीयकरण कालोनियों में विद्युत कनेक्शन देने के नाम पर यह खेल जारी है। जहां इस खेल में उपभोक्ता गरीब होता जा रहा है तो वहीं विद्युत कर्मचारी इन कनेक्शनों से होने वाली भ्रष्टाचारी की आय से अमीर होता जा रहा है ना जाने कब इस भ्रष्टाचारी के खेल पर अंकुश लगेगा।
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