मंगलवार, 24 जनवरी 2023
छीपाबड़ में यज्ञ हुआ प्रारंभ
खिरकिया नि प्र आहुति के साथ यज्ञ हुआ प्रारंभ
श्री शत चंडी महायज्ञ द्वितीय दिवस सर्वप्रथम गणपति पूजन मंडल देवता पूजन गणपति माता भगवती अभिषेक और विशेषकर श्री यंत्र का अभिषेक उसके बाद में मंडप पूजन मंडप पूजन के बाद में सूर्य देवता के माध्यम से अग्नि स्थापन हुआ पश्चात गृह शांति होम फिर नवग्रह स्थापना असंख्यरुद्र देवता स्थापना ग्रह शांति हवन मंडप मंडप पूजन एवम यज्ञ के दूसरे समय में दुर्गा सप्तशती का पाठ के साथ हवन कार्य किया जो हवन की आरती गोष्ठी प्रसादी के साथ आज का यज्ञ आयोजन समापन हुआ ।
यज्ञाचार्य ब्रह्मचारी प्रशांत जी ने बताया कि यज्ञ से सृष्टि को लाभ पहुंचता है सृष्टि अच्छी वृष्टि का आशीर्वाद प्राप्त होता ।वैदिक मंत्रों के साथ योग्य आचार्यों द्वारा विधि विधान घृत और विभिन्न सामग्रियों से युक्त सकल्ले कराए गाए यज्ञ वातावरण को शुद्ध के साथ पुष्ट किया जाता है अनेकों व्याधियों से संसार की रक्षा करता है अधर्म का नाश होता है और प्राणियों में सदभावना आती है यज्ञ कार्य हमेशा होते रहना चाहिए ।
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