गुरुवार, 15 सितंबर 2022

उत्तर प्रदेश के बड़ौत विद्युत निगम में टेंडर में फर्जी दस्तावेज लगाकर घोटाला करने वाला एक ठेकेदार चार साल पहले विद्युत निगम में ही संविदा पर काम करता था। वह अफसरों के सामने हाथ जोड़कर आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए एडवांस मानदेय मांग लेता था। एक्सईएन द्वितीय ने चेयरमैन एम देवराज को पत्र भेजकर पूरे प्रकरण की जानकारी दे दी है।टेंडर में फर्जी दस्तावेज लगाकर करोड़ों का घोटाला प्रकरण में एक और नया खुलासा हुआ है। अधिशासी अभियंता द्वितीय राजेश कुमार द्वारा की गई लिखित शिकायत में बताया कि करोड़ों के घोटाला करने वाले ठेकेदारों में एक युवक चार साल पहले विद्युत निगम में ही संविदा पर मात्र छह हजार रुपये मानदेय पर काम किया करता था।विद्युत निगम में ही तैनात एक अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चार साल पहले करोड़ों के घोटाले में शामिल उक्त युवक आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए काम के लिए आया था। परिवार की स्थिति को देखते हुए उक्त युवक को संविदा पर रख लिया था।
अक्सर वह आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए एडवांस में मानदेय मांग लेता था। वह विद्युत निगम के कार्यों में पूरा पारंगत हो गया था। एक अन्य कर्मचारी ने भी नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुछ समय बाद उसने नौकरी छोड़ दी। अब वह एक अन्य ठेकेदार के साथ विभाग में करोड़ों के टेंडर लेकर काम कर रहा है। एमडी ने पूरे प्रकरण की जांच बैठा दी है।
एक्सईएन द्वितीय राजेश कुमार ने बताया कि पूरे घोटाले की वीडियोग्राफी कराई गई थी। इसी दौरान जांच में यह जानकारी मिली कि घोटाले मेें शामिल एक युवक जो इस समय करोड़ों के काम कर रहा है, वह विद्युत निगम में संविदा पर काम किया करता था। इसकी जानकारी भी एमडी को दी गई है।
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