रविवार, 18 सितंबर 2022

हाजी इकबाल का रसूख ऐसा था कि अधिकारियों ने नियम कायदों को ताक पर रख दिया था। नदी की जमीन को भी तहसील अधिकारियों ने बेच दिया था। इसके लिए पहले नदी की जमीन के पट्टे किए गए और बाद में पट्टाधारकों से हाजी इकबाल ने जमीन के बैनामे करा लिए। इस संबंध में 14 अक्तूबर 2021 को रजिस्ट्रार कानूनगो दिनेश कुमार की ओर से बेहट थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जिसमें तत्कालीन एसडीएम शीतल प्रसाद गुप्ता, रजिस्ट्रार निरीक्षक जनेश्वर प्रसाद, पवन सिंह, राजस्व निरीक्षक बीरबल, पूर्व एमएलसी महमूद अली आदि को नामजद किया गया था।
वहीं पूर्व में रिटायर्ड राजस्व निरीक्षक बीरबल को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। बाद में इस मामले की जांच में पाया गया कि शेरपुर पेलों के निवासी सुरेंद्र, संजय, अब्दुल रहमान, अखलाख के नाम पर नदी की जमीन के पट्टे किए गए। नदी की जमीन का पट्टा नहीं किया जा सकता, इसके बावजूद नदी की जमीन के पट्टे किए गए और उन्हें ग्लोकल यूनिवर्सिटी को बेच भी दिया गया।एसपी देहात ने बताया कि दो दिन पहले इसी मामले में गैंगस्टर एक्ट का मामला दर्ज किया गया, जिसमें सुरेंद्र, संजय, अब्दुल रहमान, अखलाख और बीरबल को गिरफ्तार किया गया है।
देहात ने बताया कि हाजी इकबाल पर भी 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। वह भी कई मामलों में वांछित चल रहा है, जिसकी तलाश की जा रही है, जबकि उसका भाई महमूद अली और तीन बेटे इन समय जेल में बंद हैं।
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