शुक्रवार, 9 सितंबर 2022
मेरठ में ऐतिहासिक, पौराणिक महत्व के रामायण, महाभारत कालीन हस्तिनापुर में आसामाजिक तत्वों ने पुरातत्व विभाग की जमीन पर रातोंरात मजार बनवाकर वहां इबादत शुरू करा दी। सरकारी जमीन को मजार के बहाने कब्जाने के चक्कर में लगे इन लोगों ने बाहर से लोगों को बुलाकर मजार पर चढ़ावा शुरू कर दिया। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने पौराणिक क्षेत्र में मजार बनाने का विरोध किया। जिला प्रशासन ने पूरे मामले पर जांच बैठा दी है।दरअसल मेरठ का हस्तिनापुर गंगा किनारे का क्षेत्र है। यह महाभारत का स्थल है साथ ही वर्तमान में यह क्षेत्र बड़ा जैन तीर्थ है। जहां दुनियाभर से जैन धर्म के लोग मंदिरों में दर्शन करने आते हैं। इस क्षेत्र में महाभारत कालीन इमारतें होने के कारण यह पुरातत्व विभाग के अधीन क्षेत्र है। पुरातत्व विभाग का कार्यालय भी यहां बना हुआ है। ताकि क्षेत्र का संरक्षण हो सके। कुछ लोगों ने यहां पांडव टीला जो ऐतिहासिक महत्व का टीला है वहां मजार बनाकर इबादत शुरू करा दी। प्रमुख बात यह कि जिला प्रशासन के अधीन होने के बाद भी यहां मजार बन गई।विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जब पांडव टीले पर अचानक मजार देखी। वहां लोगों को आते देखा तो विरोध किया। इतना ही नहीं एसडीएम मवाना से मिलकर ज्ञापन भी दिया। जिसमें बताया कि किस तरह पौराणिक स्थल पर मजार बनाई गई है।
विश्व हिंदू परिषद से जुड़े अमित ढाका का कहना है कि चार दिन पहले ही हमें इस मजार के बनने की जानकारी मिली थी। जानकारी के बाद हमने प्रशासन से इसकी शिकायत की है। प्रतिबंधित क्षेत्र में बगैर अनुमति के शरारती तत्वों ने इस मजार को बनवा दिया है। इस तरह का काम करके कुछ लोग दोनों समुदायों को आपस में टकराना चाहते हैं।
एसडीएम मवाना का कहना है कि हस्तिनापुर में पुरातत्व विभाग की जमीन के पास अवैध मजार बनाने की शिकायत मिली है, शिकायत के आधार पर जांच कराई है। जांच में मजार गलत तरीके से बनी मिली है। नियमानुसार इसे हटाया जाएगा।
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