कब शुरू हो रहा पितृ पक्ष, जानिए श्राद्ध करने की तिथि हिंदू धर्म में व्यक्ति के मृत्यु के पश्चात उसे पितृ की संज्ञा दी जाती है.
मान्यता अनुसार मृतक का श्राद्ध या तर्पण न करने से पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिलती है, जिससे घर में पितृ दोष लगता है और घर पर कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं. वहीं जिनके घर के पितृ प्रसन्न रहते हैं उनके घर कभी कोई मुसीबत नहीं आती है.
ऐसे में पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए आश्विन माह में 15 दिन का पितृ पक्ष समर्पित होता है, इस बीच पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध किया जाता है. आइए जानते हैं कब से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष और क्या है श्राद्ध करने की तिथि?
*कब से शुरू हो रहा पितृ पक्ष 2022*
पितृ पक्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के पुर्णिमा से शुरू होता है.
भाद्रपद माह की पुर्णिमा तिथि आज 10 सितंबर को है, ऐसे में पितृ पक्ष की शुरुआत 11 सिंतबर अश्विन माह के कृष्ण पक्ष के प्रतिपदा तिथि से हो रही है. इसका समापन 25 सितंबर को होगा. इस बीच पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए उनका तर्पण अवश्य करना चाहिए.
शास्त्रों में बताया गया है कि ॐ अर्यमा न तृप्यताम इदं तिलोदकं तस्मै स्वधा नम:।
ॐ मृर्त्योमा अमृतं गमय अर्थात, अर्यमा पितरों के देव हैं, जो सबसे श्रेष्ठ है उन अर्यमा देव को प्रणाम करता हूँ ।हे! पिता, पितामह, और प्रपितामह। हे! माता, मातामह और प्रमातामह आपको भी बारम्बार प्रणाम है,
आप हमें मृत्यु से अमृत की ओर ले चलें ज्योतिष पं.संजय शास्त्री के अनुसार
हम पूरे वर्ष भर अपने देवों को समर्पित अनेकों पर्वों का आयोजन करते हैं, लेकिन हममे से बहुत लोग यह अनुभव करते है की हमारी प्रार्थना देवों तक नही पहुँच पा रही है
हमारे पूर्वज देवों और हमारे मध्य एक सेतु का कार्य करते हैं, और जब हमारे पितृ हमारी श्रद्धा, हमारे भाव, हमारे कर्मों से तृप्त हो जाते है, हमसे संतुष्ट हो जाते है तो उनके माध्यम से उनके आशीर्वाद से देवों तक हमारी प्रार्थना बहुत ही आसानी से पहुँच जाती है और हमें मनवांछित फलों की शीघ्रता से प्राप्ति होती है...!
*पितृ पक्ष में पित्तरों का श्राद्ध और तर्पण इस प्रकार करे*
पितृ पक्ष में रोज पित्तरों के निमित जल, जौं और काले तिल और पुष्प के साथ पित्तरों का तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष दूर होता है.
श्राद्ध पक्ष में अपने पित्तरों की मृत्यु तिथि पर किसी ब्राह्मण को अपने पूर्वजों की पसंद का भोजन अवश्य कराएं, ऐसा करने से भी पित्तरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.!
पितृ पक्ष में अपने पित्तरों के नाम से श्रीमद भागवत कथा,भागवत गीता, गरूड़ पुराण, नारायण बली, त्रिपिंडी श्राद्ध, महामृत्युंजय मंत्र का जाप ओर पितर गायत्री मंत्र की शांति कराने से भी पित्तरों को शांति प्राप्त होती है.!
यदि आपको अपने पित्तरों की मृत्यु तिथि नहीं पता है तो आप सर्व पितृ अमावस्या पर उनका श्राद्ध कर सकते हैं, ऐसा करने से भी आपको पितृ दोष से मु्क्ति मिलती है.
आपको सर्व पितृ अमावस्या और हर अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में स्नान अवश्य करना चाहिए और योग्य ब्राह्मण से अपने पित्तरों का श्राद्ध कराना चाहिए और 13 ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा देनी चाहिए.
पितृ पक्ष में आपको कौवों को भोजन अवश्य कराना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि इस समय में हमारे पितृ कौवों का रूप धारण करके धरती पर उपस्थित रहते हैं
आपको पितृ पक्ष में गाय की सेवा अवश्य करनी चाहिए। आपको गाय को भोजन करना चाहिए और किसी गऊशाला में भी दान अवश्य देना चाहिए ओर पितर पक्ष में पंचबलि चींटी, कुत्ता, गाय, देवादि ओर कौआ यह अबश्य देनी चाहि.
*पं.संजय शास्त्री----- 8790466194----------*
*9860298094* .
तिथि के हिसाब से जानिए श्राद्ध करने की तारीख जिस दिन पूर्वज का मृत्यु होता है, उस तिथि के हिसाब से पितृ पक्ष में श्राद्ध किया जाता है. आइए तिथि के हिसाब से जानते हैं कब है आपके पूर्वज की श्राद्ध करने की तारीख?
*पितृ पक्ष 2022 श्राद्ध करने की तिथि*
11 सिंतबर- अश्विन माह प्रतिपदा तिथि
12 सिंतबर- अश्विन माह द्वितीया तिथि
13 सिंतबर- अश्विन माह तृतीया तिथि
14 सिंतबर- अश्विन माह चतुर्थी तिथि
15 सिंतबर- अश्विन माह पंचमी तिथि
16 सिंतबर- अश्विन माह षष्ठी तिथि
18 सिंतबर- अश्विन माह अष्टमी तिथि
19 सिंतबर- अश्विन माह नवमी तिथि
20 सिंतबर- अश्विन माह दशमी तिथि
21 सिंतबर- अश्विन माह एकादशी तिथि
22 सिंतबर- अश्विन माह द्वादशी तिथि
23 सिंतबर- अश्विन माह त्रयोदशी तिथि
24 सिंतबर- अश्विन माह चतुर्दशी तिथि
25 सिंतबर- अश्विन माह कृष्ण पक्ष अमावस्या
*तिथि सर्वपितृ अमावस्या*
जिनको अपने पूर्वज के मृत्यु की तिथि नहीं मालूम है वे लोग 25 सिंतबर यानी सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध करें.
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