*गणपति विसर्जन तिथि और शुभ मुहूर्त*
हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी स्थापना की जाती है और 10 दिनों तक विधि-विधान से उनका पूजन किया जाता है. लोग डेढ़ दिन, 3, 5, 7 या 10 दिन के लिए घरों में गणपति की स्थापना करते हैं और इसके बाद विधि-विधान के साथ उन्हें विदा किया जाता है.
गणपति की इस विदाई को गणेश विसर्जन कहा जाता है. जो कि अनंद चतुदर्शी के दिन होता है. आइए जानते हैं कब है अनंत चतुर्दशी और विसर्जन का शुभ मुहूर्त.
*कब है अनंत चतुर्दशी?*
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में 14वें दिन को चतुर्दशी यानि अनंत चतुर्दशी कहा जाता है. इसी दिन गणेश विसर्जन भी होता है. इस साल चतुर्दशी तिथि 8 सितंबर 2022 को शाम 4 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी और 9 सितंबर 2022 को दोपहर 1 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार अनंत चतुर्दशी की पूजा का शुभ मुहूर्त 9 सितंबर सुबह 6 बजकर 30 मिनट से लेकर 1 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.
*गणपति विसर्जन के लिए मुहूर्त*
प्रातः काल मुहूर्त-6:05 से 10:45 तक इसमें चर, लाभ और अमृत के चौघड़िया होंगे.
अपराह्न मुहूर्त- 12:18 से 1:52 तक चौघड़िए में विसर्जन
शाम में मुहूर्त- 5:00 से 6:31 तक चर का चौघड़िया रहेग
रात्रि मुहूर्त - 9:26 से 10:52 तक लाभ के चौघड़िए में विसर्जन
रात्रि काल में शुभ अमृत और चर के चौघड़िया में विसर्जन 10 सितंबर 12:19 से 4:36 तक को विसर्जन कर सकते हैं.
*अनंत चतुर्दशी का महत्व*
हिंदू धर्म में अनतं चतुर्दशी का विशेष महत्व है और इसे अनंत चैदस के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान गणेश जी विसर्जन के साथ ही भगवान विष्णु का भी पूजन किया जाता है. उनकी भुजा में रेशम या सूती धागा बांधा जाता है और इसमें 14 गांठे लगाई जाती है. यह एकता व भाईचारे का प्रतीक भी है.
*गणपति विसर्जन के नियम*
अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है और साथ ही यह भी कहा जाता है कि भगवान आप अगले साल फिर से आना और अपनी कृपा बरसाना.
इसके बाद उन्हें विसर्जित कर दिया जाता है. विसर्जन से पहले उनका विधि-विधान से पूजन किया जाता है और धूप-दीप प्रजव्वलित करते हैं. विसर्जन से पहले गणेश जी के समक्ष हाथ जोड़कर अपनी गलतियां के क्षमा याचना अवश्य करें.
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