मंगलवार, 8 फ़रवरी 2022
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से जूझ रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश के तहत भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में नीतिगत दरों को स्थिर रखने की घोषणा कर सकता है। आईएएनएस द्वारा किये गये पोल में अर्थशास्त्रियों और उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने नीतिगत दरों को स्थिर रखे जाने की संभावना के लिए अर्थव्यवस्था की रिकवरी को महत्वपूर्ण कारक बताया है। आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (एमपीसी) बैठक पहले 7 फरवरी से 9 फरवरी तक होने वाली थी लेकिन अब यह 8 फरवरी से दस फरवरी तक होगी। आरबीआई दस फरवरी को बैठक के परिणामों को घोषित करेगा। इससे पहले आरबीआई की एमपीसी की बैठक गत साल दिसंबर में हुई थी और उसने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। फिलहाल वाणिज्यिक बैंकों के लिए रेपो दर चार प्रतिशत पर स्थिर है और रिवर्स रेपो दर भी 3.35 प्रतिशत पर स्थिर है।इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर का कहना है कि अनिश्चितता को देखते हुए इस बार हमें उम्मीद है कि एमपीसी नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि हालांकि कोरोना की तीसरी लहर के सीमित प्रभाव को देखते हुए कहा जा सकता है कि अप्रैल से नीतिगत फैसले सामान्य होंगे और संभवत: रिवर्स रेपो दर में में बढ़ोतरी होगी।इंडियन रेटिंग्स एंड रिसर्च के सहायक निदेशक सौम्यजीत नियोगी ने कहा कि कोरोना महामारी का भय काफी कम हुआ है जबकि घरेलू स्तर पर महंगाई और वैश्विक दर का परिदृश्य तेजी से विपरीत हो रहा है। आरबीआई ने सफलतापूर्वक लिक्विडिटी की स्थिति को सामान्य किया है। इसी कारण रिवर्स रेपो दर में 15 आधार अंकों की बढ़ोतरी किये जाने की संभावना है।
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